शक्ति पंप्स को सातवां पेटेंट वेस्ट वाटर पम्प के लिए मिला

पीथमपुर/इन्दौर । एनर्जी एफिशिएंट पंप्स और मोटर्स निर्माण की अग्रणी शक्ति पंप्स (इंडिया) लिमिटेड को वेस्ट वाटर पंप्स में ‘‘एडजस्टेबल इम्पेलर के साथ ग्राइंडर पंप असेंबली‘‘ का आविष्कार करने के लिए पेटेंट प्राप्त हुआ है। पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार ने, 1970 के पेटेंट अधिनियम में निर्धारित प्रावधानों का पूरी तरह से पालन करते हुए, शक्ति पंप्स को यह पेटेंट प्रदान किया है। यह पेटेंट 20 वर्षो की अवधि के वैध है यह और यह शक्ति पम्पस् का सातवां पेटेंट है।
इस इनोवेशन के विभिन्न लाभ हैं। इसमें एडजेस्टेबल इम्पेलर के साथ कटर अरेंजमेन्ट का उपयोग किया गया है। जिससे ठोस मटेरियल का आकार छोटा किया जाएगा, ताकि आगे की प्रोसेस सरलता से हो पाए। अपशिष्ट जल में ठोस पदार्थ को काटने और पीसने से, यह तकनीक छोटे कणों का उत्पादन करती है जो कणों को तली में एकत्र करता है एवं जैविक उपचार, फिल्टरेशन और ट्रांसपोर्टेशन जैसी डाउनस्ट्रीम प्रक्रियाओं को सरल बनाता है। इससे अपशिष्ट जल उपचार और औद्योगिक प्रक्रियाओं की क्षमता में काफी सुधार होगा।
शक्ति पंप्स के चेयरमेन दिनेश पाटीदार ने नई पेटेंट टेक्नोलॉजी के बारे में कहा कि मुख्य रूप से ठोस अपशिष्ट के कारण अपशिष्ट जल लाइनों में रुकावटों का सामना करना पड़ता है। ये रुकावटें सामान्य परिचालन को कठिन बनाती हैं और इसके परिणामस्वरूप रखरखाव में भारी लागत आ सकती है। हमारी रिसर्च टीम द्वारा किये गए इस शोध और उस पर मिले इस नए पेटेंन्ट के माध्यम से, हम इन चुनौतियों को प्रभावी ढंग से कम करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप न्यूनतम रखरखाव की आवश्यकताएं होती हैं और ऑपरेशनल डाउनटाइम कम हो जाता है। यह तकनीक वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों और औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए एक सस्टेनेबल विकल्प है। इसके अलावा इस पेटेन्ट का उपयोग औद्योगिक अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रंखला में किया जा सकता है जहां पर ठोस कणों के आकार को कम करने की आवश्यकता होती है।