स्कूल बंद और सख्त प्रतिबंध प्रदूषण से हालात चिंताजनक

नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर दिवाली से पहले ही अपने चरम पर पहुंच रहा है। रविवार को दिल्ली का एक्यूआई 454 यानी गंभीर प्लस की श्रेणी में आ गया। अघोषित रूप से हेल्थ इमरजेंसी के बीच आंखों में जलन, सीने में चुभन और सांस लेना मुश्किल हो रहा है। इन हालात के बीच वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के चौथे चरण की पाबंदियों को लागू कर दिया है। इसके तहत निर्माण, ध्वस्तीकरण और डीजल से संचालित ट्रकों के एनसीआर में प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य की शिक्षा मंत्री आतिशी ने एक्स पर पोस्ट किया कि प्राथमिक विद्यालय 10 नवंबर तक बंद रहेंगे। साथ ही छठी से 12वीं तक की कक्षाएं ऑनलाइन या ऑफलाइन चलाने की छूट दी गई है। चौथे चरण की पाबंदी के साथ ही ग्रेप के पहले, दूसरे और तीसरे चरण की पाबंदियां भी जारी रहेंगी। सीएक्यूएम ने सभी संबंधित संस्थाओं को इन पाबंदियों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। एनसीआर में एलएनजी, सीएनजी और इलेक्टि्रक ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध नहीं है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन, सीएनजी और बीएस-छह इंजन वाले डीजल वाहनों को भी इन पाबंदियों से छूट रहेगी। इसके अतिरिक्त आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं को लाने वाले वाहनों को छूट रहेगी। दिल्ली से बाहर पंजीकृत छोटे कमर्शियल वाहनों (एलसीवी) को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। दिल्ली में पंजीकृत डीजल से चलने वाले मीडियम गुड्स व्हीकल (एमजीवी) और हेवी गुड्स व्हीकल (एचजीवी) के दिल्ली में संचालन पर प्रतिबंध रहेगा। आवश्यक सेवाओं व वस्तुओं में लगे वाहनों को इससे छूट रहेगी। ग्रेप तीन में महत्वपूर्ण सरकारी परियोजनाओं को निर्माण गतिविधियों में छूट दी गई थी। इसके चलते प्रतिबंध मुख्यत: निजी निर्माण और ध्वस्तीकरण पर ही लागू हुए थे, लेकिन अब राजमार्गों, सडकों, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज जैसी तमाम परियोजनाओं पर भी निर्माण और ध्वस्तीकरण पर रोक रहेगी।