भोपाल । अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला भोपाल इकाई द्वारा कथा गोष्ठी का आयोजन विश्व संवाद केंद्र में किया गया। कथा गोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती के माल्यार्पण एवम् दीप प्रज्जवलित कर किया गया। मांडवी सिंह द्वारा सरस्वती वंदना और परिषद गीत प्रस्तुत किया गया। अतिथियों का स्वागत परिषद के सदस्यों द्वारा किया गया। परिषद की सदस्य प्रमिला झड़बड़े ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इस माह महाकवि कालिदास की जयंती विशेष होने के उपलक्ष्य में कीर्तिशेष रचनाकार के रूप में संत शिरोमणि महाकवि कालिदास के साहित्यिक अवदान पर परिषद के सदस्य राजेश विश्वकर्मा जी ने प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद की अध्यक्ष और उर्दू साहित्य अकादमी की निदेशक प्रसिद्ध साहित्यकार नुसरत मेहदी जी द्वारा की गई। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि, साहित्य की किसी भी विधा में कोई भी विषय आप पर तभी खुलता है जब आप स्वयं उस विषय पर पूरी तरह खुल जाएं। अर्थात हम किसी विषय में केवल उतने ही गहराई से प्रवेश करते है और उसको केवल उतना ही आत्मसात करते हैं जितना स्वयं को उसके प्रति खोलते हैं।
मुख्य अतिथि डॉ मनोरमा पंत ने लघु कथा के सम्बंध में समीक्षात्मक वक्तव्य प्रस्तुत किया। और अपनी लघु कथाएं भी पढ़ीं।
कार्यक्रम की प्रसिद्ध कहानीकार विनीता राहुरीकर रही। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार प्रेमचंद गुप्ता ने किया। परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रसिद्ध गीतकार धर्मेंद्र सिंह सोलंकी ने आभार प्रदर्शन किया।
सभी साहित्यकारों ने रचना पाठ में अपनी अपनी उत्कृष्ट कहानियों का पाठ किया। विविध विषयों पर सभी साहित्यकारों ने समाज के ज्वलंत मुद्दों पर कहानी पाठ किया।वरिष्ठ साहित्यकार चरणजीत सिंह कुकरेजा, अशोक व्यास, अशोक व्यग्र ,सीमा हरि शर्मा हरिवल्लभ शर्मा ,प्रमिला झड़बड़े, मनोहर सिंह ठाकुर उपस्थित रहे और रचना पाठ किए। वंदे मातरम गीत द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ।