:: गांधी हाल में चल रहे मुद्रा महोत्सव-2023 में सांसद शंकर लालवानी का वादा – 25 हजार से अधिक दर्शक पहुंचे ::
इन्दौर । न्यूमिस्मेटिक रिसर्च ट्रस्ट की मेजबानी में गांधी हाल पर चल रहे तीन दिवसीय मुद्रा महोत्सव-2023 का रविवार रात सार्थक समापन हो गया। सांसद शंकर लालवानी ने अपनी मौजूदगी से इस महोत्सव को इस मायने में सार्थक बना दिया कि शहर में अब एक स्थायी मुद्रा एवं प्राचीन धरोहरों का संग्रहालय बनने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने भी प्रदर्शनी का पूरी दिलचस्पी से अवलोकन किया और इस आयोजन के लिए ट्रस्ट को बधाई दी।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी ने न्यूमिस्मेटिक रिसर्च ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी गिरीश शर्मा आदित्य की मांग पर समर्थन जताते हुए कहा कि शहर में एमजी रोड स्थित मराठी विद्यालय, राजबाड़ा एवं गोपाल मंदिर में से किसी एक स्थान पर ऐसा संग्रहालय स्थापित किया जा सकता है, लेकिन इनमें से चूंकि राजबाड़ा एवं गोपाल मंदिर पर पार्किंग की व्यवस्था नहीं है, इसलिए मराठी विद्यालय परिसर में ऐसा संग्रहालय बनाने की पहल की जाएगी। सांसद लालवानी ने इस मौके पर नर्मदा तट पर रहने वाले उन जाबांज गोताखोर श्रमवीरों का भी सम्मान किया, जो अपनी जान जोखिम में डालकर गहरे पानी में दुर्लभ सिक्के निकालकर लाते हैं।
गांधी हाल में चल रहे इस मुद्रा महोत्सव में आज रविवार होने के कारण सुबह से ही दर्शकों का सैलाब उमड़ता रहा। पूरे दिन दर्शकों की कतारें लगी रहीं। इनमें से अनेक लोग तो अपने पास रखी मुद्राएं और अन्य दुर्लभ वस्तुएं बेचने और कुछ इस मेले में आए देशभर के संग्राहकों से खरीदने के उद्देश्य से भी आए थे। कोई निश्चित आंकड़ा तो नहीं हैं, लेकिन इस मुद्रा महोत्सव में पिछले तीन दिनों में लाखों रुपए की वस्तुएं खरीदी-बेची गई। समापन बेला में जहां उन जाबांज गोताखोरों का सम्मान भी किया गया, जो अपनी जान जोखिम में डालकर पवित्र नदियों की गहराईयों से दुर्लभ सिक्के निकालकर लाते हैं। ऐसे लोगों में सोनझारी, धुलधोया, निहारगिर एवं कहार समुदाय के युवा धर्मेन्द्र अंबोदिया, मंजूर निहारगिर एवं अंकित कहार शामिल थे, जिन्हें सांसद लालवानी एवं अन्य अतिथियों ने सम्मानित किया। आज आदित्य कोठारी नामक एक दस वर्षीय मुद्रा संग्राहक को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। प्रदर्शनी में देशभर से आए हुए करीब 100 मुद्रा संग्राहकों में से उन चुनिंदा संग्राहकों का भी सम्मान किया गया, जिन्होंने अपने संग्रह को करीने से सम्पूर्ण जानकारी के साथ डिस्प्ले किया। इसी तरह देश के प्रख्यात मुद्रा शास्त्री डॉ. प्रशांत कुलकर्णी, राममिलन याग्निक, डॉ. शशिकांत भट्ट, फारोख एस. टोड़ीवाला, रामाराव एवं अन्य हस्तियों को भी प्रशस्ती पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। अतिथियों का स्वागत आयोजन के सूत्रधार गिरीश शर्मा आदित्य, विराज भार्गव, दाऊलाल जौहरी, उमेश कुमार नीमा एवं राजेश शाह आदि ने किया।
:: प्रदर्शनी में उमड़ा हजारों दर्शकों का सैलाब ::
आज सुबह 11 बजे जैसे ही प्रदर्शनी खुली, बड़ी संख्या में दर्शकों के समूह उमड़ पड़े। स्कूली बच्चों के अलावा सराफा एवं अन्य व्यापारिक क्षेत्रों के कारोबारी बंधु, पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा, लोकतंत्र सेनानी संगठन के गणेश अग्रवाल एवं प्राचीन धरोहरों में दिलचस्पी रखने वाले करीब 25 हजार दर्शकों ने इस प्रदर्शनी को जी भरकर निहारा। संध्या को तो इतनी जबर्दस्त भीड़ हो गई कि आयोजकों को समापन का समय सात बजे से बढ़ाकर रात नौ बजे करना पड़ा, तब भी दर्शक बिना प्रदर्शनी देखे जाने को तैयार नहीं थे। ट्रस्ट के गिरीश शर्मा ने बताया कि अगली बार किसी बड़े स्थान पर आयोजन करेंगे।