तबला वादकों ने बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड, मुख्यमंत्री ने 25 दिसंबर को तबला दिवस मनाने की घोषणा की

ग्वालियर। सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली के नाम से जाना जाने वाला ग्वालियर शहर एक बार फिर से विश्व पटल पर अपने नाम एक रिकॉर्ड काम करने में कामयाब रहा।
ग्वालियर के ऐतिहासिक दुर्ग पर तानसेन समारोह के दौरान एक अनोखा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन को ताल दरबार का नाम दिया गया जिसमें 1500 से भी अधिक तबला वादकों ने एक साथ अपनी प्रस्तुति देकर इस दिन को इतिहास के पन्नों में अमर कर दिया। इस दौरान पूरे 20 मिनट तक ग्वालियर का ऐतिहासिक दूर तबला की अविस्मरणीय थाप से गूंजता रहा। जैसे सुनने के लिए ग्वालियर अथवा देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आए थे जिनमें मुख्य अतिथि प्रदेश के नए मुखिया डॉ मोहन यादव भी प्रथम पंक्ति में शामिल थे।
इस दौरान मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ग्वालियर आए। इस समारोह में शामिल होते हुए उन्होंने कहा कि आज का दिन हमारे लिए स्वर्णिम अक्षरों में लिखने वाला दिन है। ग्वालियर की धरा पर 1500 तबला वादकों ने एक साथ तबला वादन की प्रस्तुति देकर गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया है। हमने कोशिश की है कि इस दिन को स्वर्णिम बनाने के लिए आने वाले समय में 25 दिसंबर तबला दिवस के रूप में सरकार मनाएगी। और इस अवसर पर मैं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर सभी के साथ मैं यहां पर सम्मिलित हुआ और सभी को मैं शुभकामनाएं देता हूं। कोट्टलब है कि ग्वालियर में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष की तानसेन समारोह का आयोजन किया गया है यह समारोह इसलिए विकास है क्योंकि यह इस समारोह की कड़ी में 99 संस्करण है इसके बाद यह समझ शताब्दी वर्ष के लिए आगे बढ़ जाएगा इस समारोह में विशेष आयोजन तबला दरबार का किया गया था जिसके लिए देश भर के दिल्ली, मुंबई, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यो के लगभग 50 शहरों से लगभग 1500 से अधिक कलाकारों ने अपनी कला का एक साथ प्रदर्शन किया।