राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अटल बिहारी वाजपेयी के 99वें जन्मदिवस पर दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी ने भी दी लोक अभियान के कार्यक्रम में अटल जी को श्रद्धांजलि

  • वाजपेयी ने सुशासन का मंत्र सिखाया, तो मोदी ने अपने कार्यकाल में करके दिखाया – गोयल
    नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु व भाजापा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड़ड़ा ने आज अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर लोक अभियान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अटल जी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने अटल जी पर लगाई गई चित्र प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
    कार्यक्रम की अध्यक्षता ‘लोक अभियान’ के अध्यक्ष व पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने की। कार्यक्रम में दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
    डॉ. अम्बेडेकर इंटरनेशनल के खचाखच भरे हाल में विद्या शाह ने अपने मधुर गायन से श्रोताओं का मन मोह लिया।
    गोयल ने अटल जी को याद करते हुए बताया कि अटल जी के साथ कॉलेज के दिनों से ही उनका घनिष्ट संबंध रहा।
    गोयल ने कहा कि 70 साल तक कांग्रेस ने राज किया, पर सुशासन की स्थापना वाजपेयी जी ने की है और उस सुशासन को मजबूती से किसी ने आगे बढ़ाया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने। उन्होंने कहा कि अटल जी के जन्मदिन को हर साल सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
    विजय गोयल ने अटल जी के साथ अपने जुड़ाव को याद करते हुए उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में वर्णित किया, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। हम सबको वाजपेयी जी से सीखने को बहुत कुछ मिला । राजनीति सीखी, समाज सेवा सीखी, संस्कार सीखे और सबसे ज्यादा एक अच्छा इंसान कैसे बना जाता है, यह किसी से सीखना हो तो वाजपेयी जी से सीखो।
    गोयल ने कहा कि उस समय मेरे जैसे बहुत-से युवकों ने अटल जी से प्रेरणा लेकर राजनीति में बहुत कुछ सीख और बाद में उन्होंने सरकार में केन्द्रीय मंत्री के रूप में दायित्वों का निर्वाह किया। आज देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति सब अटल जी के कामों से प्रभावित होकर बड़े हुए हैं।
    गोयल ने कहा कि मुझे याद है कि वाजपेयी जी कहा करते थे, ‘मोदी देश में नाम नहीं कमाएंगे,वे पूरे विश्व में नाम कमाएंगे। देख लेना, एक दिन यह बहुत आगे बढ़ेगा।’ मैं उन दिनों वाजपेयी जी के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री था। मुझ से ज्यादा कौन जानता था कि वे किस के बारे में क्या विचार रखते हैं। हमने यह पहली बार देखा कि एक देश का प्रधानमंत्री जिसको वह अपना गुरु और आदर्श मानते हैं, उसकी अन्तिम यात्रा में पैदल अन्तिम स्थल ‘सदैव अटल’ तक गया हो।
    आज प्रधानमंत्री मोदी जी ने अटल जी का नाम पर बहुत सारी योजनाएं चलाई हैं।
    ईएमएस, 25 दिसम्बर, 2023