नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में केजरीवाल ने आज ही के दिन दिल्ली में कांग्रेस की मदद से सरकार बनाई थी। इस लिहाज से आज का दिन आप के लिए बेहद खास है। बता दें कि 2013 में आज ही के दिन राजधानी दिल्ली के चुनावी इतिहास में बड़ा उलटफेर हुआ था। उस साल 28 दिसंबर को आप ने कांग्रेस की मदद से पहली बार दिल्ली में सरकार बनाई थी। हालांकि अरविंद केजरीवाल की पार्टी आज देश के दूसरे राज्यों में भी जड़े जमाने में जुटी है। लेकिन, तब उनका मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचना किसी बड़े चमत्कार जैसा था। केजरीवाल के नेतृत्व में उतरी आप ने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीती थीं। बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस ने बिना किसी शर्त के आप को समर्थन दिया था। चुनाव में कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं। इस तरह आप की सरकार का रास्ता साफ हुआ था। बीते कुछ सालों में आप और कांग्रेस की दूरी बढ़ी है। इसकी सबसे बड़ी वजह कांग्रेस के वोटरों का आप की तरफ शिफ्ट होना है। दिलचस्प यह है कि दोनों ही दल इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं।
हालांकि इंडिया गठबंधन सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को तय करने में जुटा है, मसला काफी पेचीदा है। हर दल कोशिश में है कि उसे लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से ज्यादा से ज्यादा सीटों पर लड़ने का मौका मिले। इसमें कांग्रेस से बड़ी कुर्बानी की आस लगाई जा रही है। हालांकि, कांग्रेस भी एक हद तक ही इसके लिए तैयार होगी। ऐसा ही पेच दिल्ली और पंजाब में भी है। इन दोनों ही राज्यों में आम आदमी पार्टी की सरकार है। दिल्ली की सात और पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर दोनों दलों को मोलतोल करना है। यह सही है कि 2013 से आप लागातार दिल्ली विधानसभा चुनावों में अच्छा करती रही है। लेकिन, लोकसभा चुनाव में वह इस प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाई।