अयोध्या । रामजन्मभूमि स्थल पर निर्माणाधीन भव्य मंदिर को दर्शाते काष्ठशिल्प मॉडल की मांग कई गुना बढ़ गई है। अयोध्या में राम पथ के किनारे धार्मिक सामान बेचने वाली कई दुकानें ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए इन भव्य मॉडलों को प्रदर्शित करती हैं। राम पथ के किनारे स्थित अवध धार्मिक एंड फोटो फ्रेमिंग दुकान के मालिक रितिक गुप्ता ने कहा कि लोग मंदिर के हर तरह के मॉडल खरीद रहे हैं। मॉडल एक आधार पर खड़े हैं जिस पर हिंदी में लिखा है- ‘श्री राम मंदिर अयोध्या या ‘श्री रामजन्मभूमि मंदिर अयोध्या। अयोध्या की दुकानों पर मंदिर के इन मॉडल के अलावा, भगवान राम के नाम वाली धातु की अंगूठियां, लॉकेट और अन्य कपड़े की वस्तुएं भी हाथों हाथ बिक रही हैं।
अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले इन प्रतिकृति की मांग को लेकर एक निर्मात्री इकाई ने दावा किया कि अमेरिका और न्यूजीलैंड से भी मॉडल की खरीद के ऑर्डर मिल रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अयोध्या के पड़ोसी फैजाबाद शहर के सहादतगंज इलाके की एक कार्यशाला में बिखरे अलग-अलग आकार के तैयार और अधूरे मॉडल के छोटे-छोटे हिस्सों को एक साथ जोड़ा जा रहा था। पिछले कुछ वर्षों से डिस्प्ले बोर्ड, विज्ञापन बोर्ड और राम मंदिर का लकड़ी से निर्मित मॉडल और अन्य चीजें बनाने वाली ‘अवध आदित्य कंपनी के मालिक आदित्य सिंह ने बताया कि अयोध्या में स्थानीय स्तर पर इन लकड़ी के मॉडलों, विशेष रूप से ‘पॉकेट राम मंदिर की मांग में बहुत बढ़ोतरी हुई है। हम स्थानीय बाजारों और अन्य स्थानों पर भी आपूर्ति करते हैं। फिलहाल हमें देश के अन्य राज्यों से भी बड़े ऑर्डर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा ‘पॉकेट मॉडल का अर्थ चार इंच लंबे, ढाई इंच चौड़े और पांच इंच ऊंचे मिनी-मॉडल से है, जिसकी कीमत 100 रुपये प्रति मॉडल है। अयोध्या की गलियों में ‘पॉकेट मंदिर मॉडल की बहुत मांग है। सिंह ने कहा कि उनकी कंपनी को न केवल पूरे भारत से, बल्कि विदेशों से भी ऑर्डर मिले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अमेरिका से किसी व्यक्ति ने राम मंदिर के दो मॉडल का ऑर्डर दिया। इसी तरह न्यूजीलैंड के भी किसी व्यक्ति ने दो मॉडल के ऑर्डर दिये हैं। भारतीय मूल के अमेरिकी ग्राहक ने 18 इंच लंबे, 10 इंच चौड़े और 12 इंच चौड़े मॉडल के लिए ऑर्डर दिया है। अन्य आकार के मॉडल में वह मॉडल शामिल है जिसकी लंबाई पांच इंच, चौड़ाई तीन इंच और ऊंचाई छह इंच है। लेकिन सबसे बड़े मॉडल की लंबाई 25 इंच, चौड़ाई 14 इंच और ऊंचाई 20 इंच है। सिंह ने कहा कि सबसे बड़े मॉडल की कीमत 8000 रुपये है।
सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल आकार में सबसे छोटा है और इसकी कीमत 100 रुपये है। हर आकार के मॉडल की मांग है- बड़ा, मध्यम, छोटा । मांग में यह वृद्धि ‘प्राण प्रतिष्ठा तक बनी रहेगी और मुझे लगता है कि यह इसके बाद पूरे साल बिकेगा। उन्होंने कहा कि ‘जय श्री राम लिखी अंगूठियां और चाबी का गुच्छा, कंगन, धार्मिक मूर्तियां, सब कुछ तेजी से बिक रहा है। राम के नाम वाली कोई भी वस्तु इस समय लोकप्रिय है। राम मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी को एक लाख से अधिक भक्तों के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे।
अवध आदित्य के एक कर्मचारी ने कहा, ‘‘भारत में हमें महाराष्ट्र, गोवा, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और अन्य स्थानों से भी ऑर्डर मिल रहे हैं। कई लोग थोक में ऑर्डर कर रहे हैं जैसे कि 100 मॉडल, लेकिन वर्तमान में हमारे पास सीमित जनशक्ति है, इसलिए हम हर ग्राहक तक अधिकतम 10 मॉडल की आपूर्ति 22 जनवरी तक सुनिश्चित कर सकते हैं। अवध आदित्य की इकाई के पर्यवेक्षक उपेन्द्र सिंह ने कहा कि इन मॉडल को तैयार करने के लिए लगभग 25 कारीगर काम कर रहे हैं और टीम का विस्तार करने की योजना है। उनकी मेज पर लकड़ी के छोटे छोटे टुकड़े बिखरे पड़े हैं । वह दिखाते हैं कि कैसे पुर्जों को जोड़ने का काम कदम दर कदम पूरा किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘एक दिन में एक कार्यकर्ता अधिकतम पांच मॉडल तैयार कर सकता है।
कंपनी कच्चे माल के लिए पाइनवुड एमडीएफ (मध्यम-घनत्व फाइबर) शीट का उपयोग करती है जो न्यूजीलैंड से यहां आती है और दिल्ली की एक कंपनी द्वारा खरीदी जाती है। उन्होंने कहा कि इन शीट को लेजर मशीन से काटा जाता है, लेकिन खंभों को जोड़ने में अधिकतम समय लगता है। ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने पहले कहा था कि पारंपरिक नागर शैली में निर्मित राम मंदिर परिसर की लंबाई 380 फुट (पूर्व-पश्चिम दिशा), चौड़ाई 250 फुट और ऊंचाई 161 फुट होगी। मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फुट ऊंची होगी और मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 फाटक होंगे। बाजार में मंदिर के कुछ मॉडल पर लकड़ी का झंडा लगा है, अन्य मॉडल पर प्लास्टिक जैसी सामग्री से बना भगवा रंग का झंडा लगा दिखा।