गांधीनगर | मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के दसवें संस्करण के समापन अवसर पर गौरव के साथ कहा कि, सफलतापूर्वक संपन्न हुई अमृत काल की यह पहली समिट देश और दुनिया की बिजनेस कम्यूनिटी, थॉट लीडर्स और पॉलिसी मेकर्स के लिए समावेशी वृद्धि और सतत विकास का सामूहिक केंद्र बनी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी मार्गदर्शन में इस समिट को दो दशकों में निरंतर मिली सफलता से इसकी स्पीड और स्केल, दोनों बढ़ते गए हैं। यही नहीं, दुनिया भर के देशों ने इस समिट में भाग लेकर वसुधैव कुटुम्बकम् – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के विचार को साकार किया है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि वाइब्रेंट समिट का 10वां संस्करण समृद्ध भारत का भविष्य सुनिश्चित करने वाला गोल्डन गेट-वे बनकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत @2047’ के विजन को साकार करेगा।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि गेट-वे टू द फ्यूचर की थीम के साथ आयोजित यह समिट सेमीकंडक्टर, रिन्यूएबल एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी), एयरोस्पेस और डिफेंस इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग जैसे नए युग के उभरते हुए सेक्टर्स के लिए उत्प्रेरक बनी है। उन्होंने कहा कि गुजरात ने इस समिट में हुए कुल एमओयू के 50 फीसदी एमओयू ग्रीन हाइड्रोजन और रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में कर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए ग्रीन ग्रोथ के विचार को चरितार्थ किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में आयोजित की गई इस 10वीं वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में गुजरात ने ‘वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट डिस्ट्रिक्ट’ का अभिनव दृष्टिकोण को अपनाकर 32 जिलों के एमएसएमई को ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र के साथ विकसित होने का मंच प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के औद्योगिक विकास की रीढ़ एमएसएमई को प्रत्येक वाइब्रेंट समिट की सफलता से नया बल मिला है।
इस अवसर पर केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 10वें संस्करण को विकास का नया अध्याय बताते हुए यह शुभकामनाएं दीं कि गुजरात अपने विकास की सभी सीमाओं को पार कर श्रेष्ठ राज्य बने। केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने समिट में जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधित्व को बड़ी सफलता बताया और कहा कि यह वाइब्रेंट समिट राज्य के सुनहरे भविष्य का दरवाजा खोलने का श्रेष्ठतम पुरुषार्थ है। उन्होंने कहा कि गुजरात की वाइब्रेंट समिट में सहभागी हुए उद्योगपति और देश एवं दुनिया के प्रतिनिधियों ने गुजरात की शांति-सुरक्षा और राज्य सरकार के बिजनेस फ्रेंडली दृष्टिकोण में अपना भरोसा व्यक्त किया है, और इसलिए ही गुजरात राज्य निवेशकों का पसंदीदा स्थल बन गया है। रूपाला ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता, प्रेरक नेतृत्व और मार्गदर्शन के कारण गुजरात की यह साख बनी है। इस अवसर पर उन्होंने गुजरात में विशाल समुद्र तट पर फिशरीज सेक्टर में विकास की अपार संभावनाओं का उल्लेख करते हुए उद्योगपतियों को इस क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आने का आमंत्रण दिया।
जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट निवेशकों और उद्योग जगत के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म है। आज भारत और दुनिया भर के उद्योग जगत के अग्रणी वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को आतुरता पूर्वक देखते हैं। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट समिट ने देश के अलग-अलग भागों में निवेश की नई संभावनाओं के सृजन और उद्योगों के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और गृह मंत्री अमित शाह के विभिन्न प्रयासों से जम्मू कश्मीर में आए सकारात्मक परिवर्तन और विकास की बात करते हुए कहा कि राज्य की नई उद्योग नीति के परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर में बहुत कम समय में 90,000 करोड़ रुपए का निवेश आया है। वहीं, आज इस समिट में जम्मू और कश्मीर के उद्योग विभाग और निवेशकों के बीच 3000 करोड़ रुपए से अधिक राशि के एमओयू हैं।
सिन्हा ने आगे कहा कि अतीत में भारत ‘सोने की चिड़िया’ के रूप में जाना जाता था, जिसका कारण भौतिक समृद्धि नहीं बल्कि उसकी शैक्षणिक संस्थाएं, यहां होने वाले शोध और उत्पादों का आविष्कार था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने शिक्षा की इस शक्ति को पहचानते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है, जो आने वाले समय में भारत को आर्थिक रूप से संपन्न और शक्तिशाली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।