आज भारत का लोकतंत्र गौरवान्वित हुआ है- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मध्यप्रदेश में श्रीराम के जहां-जहां चरण पड़े हैं वहां विकसित होगा पर्यटन स्थल
भगवान श्री राम की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में दीपोत्सव
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगवान श्रीराम की अयोध्या में गर्भ गृह में प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन ऐतिहासिक घटना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुशासन की स्थापना की गई है। वास्तव में रामराज्य की स्थापना हुई है। पूरी दुनिया इस बात को अलग दृष्टि से देख रही है। 142 करोड़ जनता ने सरकार के साथ खड़े होकर साम्प्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल पेश की है। आज अपना लोकतंत्र वास्तव में गौरवान्वित हुआ है। बढ़ते हुए भारत के कदम सांस्कृतिक अनुष्ठान की दिशा में परस्पर साम्प्रदायिक सौहार्द्र के रूप में बड़ा उदाहरण प्रस्तुत हुआ है। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री मोदी और देश के सभी नागरिकों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में भी भगवान राम के जहां- जहां चरण पड़े हैं, लीलाएं हुई हैं उन धार्मिक स्थलों को पर्यटन के रूप में विकसित करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में आयोजित दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर श्यामला हिल्स स्थित मुख्यमंत्री निवास में दीपोत्सव पर्व मनाया। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने भगवान राम की पूजा- अर्चना के साथ प्रतीक स्वरूप दीप जलाए। मुख्यमंत्री निवास पर कुल 11 हजार 101 दीप जलाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। पूरे मुख्यमंत्री निवास दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। जगह-जगह रंगोली और आकर्षक साज -सज्जा की गई थी। पूरा वातावरण राममय हो गया। लोगों में अपार उत्साह था। राम भजनो की धुन मन मोहने वाली थी। लोग भजनों को गुनगुना रहे थे और भजनों की धुन पर भाव विभोर हो गए थे। उत्साह मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फुलझड़ी जलाई और जय श्री राम के नारे भी लगाए।
इस अवसर पर सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, हितानंद शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, विधायक भगवान दास सबनानी, महापौर श्रीमती मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह , आशीष अग्रवाल, पूर्व महापौर आलोक शर्मा, सुमित पचौरी सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।