:: विधायक के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुई एफआईआर ::
इन्दौर दसवीं बारहवीं के छात्र छात्राओं के साथ धोखाधड़ी के सनसनीखेज मामले में स्कूल संचालक द्वारा मान्यता नहीं होने के बाद भी उन्हें 10 वीं और 12 वीं की तैयारी करवाने तथा उनसे पूरी फीस लेने के साथ ही फ़ार्म आदि भरवां फरार हो जाने का मामला सामने आया है। छात्र छात्राओं को अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी का पता उस समय चला जब वे रोल नम्बर के लिए स्कूल पहुंचे। स्कूल संचालक ने छात्र छात्राओं के फ़ार्म बोर्ड आफिस में ही नहीं भेजे जिस वजह से उनके रोल नम्बर ही नहीं आ पाएं । जबकि आज 5 फरवरी से 10 वीं और 12 वीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही है लेकिन स्कूल संचालक उन्हें रोल नंबर नहीं दे पाया। अब अपने एक वर्ष को बर्बाद होने की आशंका में रोते कलपते छात्र छात्राओं ने अपने अभिभावकों के साथ थाने पहुंचकर फरार स्कूल संचालक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। मामला हीरानगर थाना क्षेत्र का है जहां छात्र छात्राओं ने शिकायत दर्ज करवाते बताया कि इलाके के जय गुरुकुल एकेडमी द्वारा मान्यता नहीं होने के बाद भी स्कूल संचालक उन्हें 10 वीं और 12 वीं की तैयारी करवा रहा था । सोमवार यानी 5 फरवरी से 10 वीं और 12 वीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं , लेकिन स्कूल संचालक उन्हें एक दिन पहले तक रोल नंबर नहीं दे पाया । जब उन्होंने जानकारी निकाली तो उन्हें मालूम पड़ा कि स्कूल की मान्यता नहीं है इसके बाद सभी छात्र – छात्राएं अपने परिजनों साथ विधायक रमेश मेंदोला के पास पहुंचे विधायक के हस्तक्षेप के बाद हीरानगर थाने में स्कूल संचालक के खिलाफ फरियादी महावीर सिंह की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई हीरा नगर पुलिस ने बताया कि स्कूल संचालक एवं प्राचार्य राजकुमारी भार्गव चतुर्वेदी , सार्थक चतुर्वेदी और चेतन उर्फ त्रियांशु चतुर्वेदी पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है । टीआई हीरा नगर पीएल शर्मा के अनुसार छात्रों का आरोप है कि स्कूल संचालक ने हम लोगों को 10 वीं और 12 वीं में एडमिशन करवाने की बात कही थी जब रोल नंबर मांगा तो देने से इनकार कर दिया । स्कूल संचालकों का कहना है कि उन्होंने एडमिशन नहीं लिया है , बल्कि 10 वीं और 12 वीं का सिर्फ ट्यूशन करवाया है । स्टूडेंट्स का आरोप है कि संचालक ने सभी से परीक्षा फार्म भरवाने के नाम पर पैसे भी ले लिए थे , लेकिन फार्म नहीं भरवाया। विधायक के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने स्कूल प्रिंसिपल प्रबंधन और संचालक के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया है अब आगे क्या जांच कार्रवाई होगी इस पर सभी की निगाह लगी हुई है। स्कूल संचालक की लापरवाही से सैंकड़ों छात्र छात्राओं का तो एक वर्ष खराब है हीं गया है।