हमले में अब तक 70 लोगों की मौत, 150 से ज्यादा लोग घायल

रूस की राजधानी मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में हुए हमले ने रूस को हिलाकर रख दिया है। कॉन्सर्ट हॉल में लोग म्यूजिक शो देखने के लिए जमा थे, इसी दौरान वहां बंदूकधारी आतंकी घुस गए और लोगों के ऊपर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। हमले में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हैं। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। मॉस्को पर हमले ने एक बार फिर से मुंबई हमले की याद दिला दी है। मॉस्को का आतंकी हमला भी उसी तरीके से किया गया है, जैसे साल 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई में खून बहाया था। ‎विशेषज्ञ इस बारे में आशंका जता रहे हैं कि इस्लामिक स्टेट को मॉस्को पर हमले का आइडिया मुंबई के आतंकी हमले से ही मिला हो सकता है। अमेरिकी ‎विशेषज्ञ माइकल कुगलमैन ने एक्स पर लिखी एक पोस्ट में कहा ‎कि मॉस्को में आईएसआईएस के भयानक हमले के दृश्य 2008 के मुंबई हमले के समान हैं, जब भारी हथियारों से लैस बंदूकधारियों ने लोगों के बड़े समूहों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। कुगलमैन ने लिखा कि मुंबई के हमले ने ऐसे लोगों को प्रेरित किया।आईएसआईएस-केपी ने किया हमला: मॉस्को पर हमले के लिए आईएसआईएस-केपी को जिम्मेदार माना जा रहा है, जो अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट का सबसे सहयोगी है और इसके पहले यूरोप और मध्य पूर्व में कई हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। हालांकि, मॉस्को पर हमले की जिम्मेदारी आईइस्लामिक स्टेट समूह ने ली है। माइकल कुगलमैन ने कहा है कि हो सकता है इस्लामिक स्टेट ने आईएसआईएस-केपी की ओर से हमले का दावा किया हो। क्या है आईएसआईएस-केपी?: आईएसआईएस-केपी की स्थापना 2015 में पाकिस्तानी तालिबान के असंतुष्ट सदस्यों ने की थी। हालांकि, अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्रवाई ने इसे काफी नुकसान पहुंचाया और इसके कई नेता मारे गए। 2021 में इसके सदस्यों की संख्या आधी घटकर 1500 से 2000 तक हो गई थी। इसी साल अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ दिया और तालिबान की सत्ता में वापसी हुई, जिसके बाद आईएसआईएस-केपी को नाटकीय रूप से नई हवा मिली। अमेरिकी सेना की वापसी के दौरान आईएसआईएस-केपी ने काबुल में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आत्मघाती विस्फोट किया, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक और 170 से अधिक नागरिक मारे गए।