(जबलपुर) १९ उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में वैâद (१९पीआर२२जीडब्ल्यू)
जबलपुर । १८वीं लोकसभा के गठन के लिये शुक्रवार को यहां लोकतंत्र के सबसे बड़े महायज्ञ में मतदाताओं ने वोटों की आहुतियां डालकर जबलपुर संसदीय क्षेत्र से भाग्य आजमा रहे १९ उम्मीदवारों का राजनैतिक भविष्य ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में वैâद कर दिया। आगामी ४ जून को इन मशीनों से जिले के नये सांसद निकलकर बाहर आएंगे। शुक्रवार को सुबह से ही मतदान शुरू हो गया था। शुरुआत के पहले दो घंटे में १३.५ फीसदी मतदान हुआ, ११ बजे तक २७.४१ फीसदी लोग वोट डाल चुके थे। दोपहर १ बजे ३९.६३ फीसदी वोट पड़े, और दोपहर ३ बजे तक ४८.३ प्रतिशत मतदाता मतदान कर चुके थे। वहीं शाम ५ बजे तक ५६.७४ फीसदी मतदान हो चुका था, आखिरी के बचे एक घंटे में फिर तेजी से मतदान हुआ। जबलपुर में इस बार ५९.९५ प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं मतदान करने में शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र की विधानसभा सिहोरा सबसे आगे रही, जहां ६५ फीसदी मतदान हुआ। गौरतलब है कि पिछली बार २०१९ के लोक सभा चुनाव में ६९.३७ प्रतिशत मतदान हुआ था।
धीमे गति से चला मतदान……………
शुरूआती दौर में मतदान की गति तेज रही। लेकिन जैसे-जैसे धूप तेज होती गई, वैसे-वैसे मतदान की रफ्तार कम हो गई। दोपहर बाद आखिरी के एक घंटे में फिर तेजी से मतदान हुआ। मतदान करने के लिये युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों, निशक्तों में भी उत्साह देखा गया। जबलपुर संसदीय क्षेत्र में ५९.९५ फीसदी मतदान हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में भी मतदाताओं ने उत्साह के साथ मताधिकार का प्रयोग किया। जिले में छुटपुट झड़पों और मतदान के बहिष्कार की घटनाओं को छोड़कर मतदान आमतौर पर शांतिपूर्वक हुआ। जिले से कहीं कोई अप्रिय समाचार नहीं मिला। युवा मतदाताओं ने खासा उत्साह दिखाया। सभी मतदान केन्द्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम….
मतदान के दौरान जिले भर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। सभी मतदान केन्द्रों पर बाहर के साथ-साथ स्थानीय पुलिस बल भी तैनात रहा। अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों पर रैपिड एक्शन फोर्स के सशस्त्र जवान तैनात किये गये। संगीनों के साये में संवेदनशील मतदान केन्दों पर वोटिंग हुई। वहीं पुलिस के वाहन लगातार पेट्रोलिंग भी करते रहे। पुलिस के हर वाहन में लाऊडस्पीकर लगा हुआ था। जहां कहीं भी भीड़ हुई, पुलिस ने एनाउंस करके भीड़ को तितर बितर किया।
क्रिटिकल एवं वल्नरेवल केंद्रो की वैâमरे से निगरानी…………
जिले के क्रिटिकल एवं वल्नरेवल मतदानों की निगरानी सीसीटीव्ही वैâमरों से निर्वाचन कार्यालय में बनाये गये कंट्रोल रुम से की जा रही थी। यहां चुनाव आयोग की प्रयवेक्षक निगाह रखे हुये थे। वहीं जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप िंसह, संभागायुक्त अभय वर्मा, आईजी अनिल कुशवाहा और डीआईजी टीके विद्यार्थी शहर भ्रमण पर निकले। पुलिस ने यहां रेपिड एक्शन फोर्स के साथ-साथ पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात कर रखे थे। क्षेत्र में लगातार पुलिस पार्टियां पेट्रोलिंग करती रहीं।
कई जगह हुई झड़पें…..
पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था के बावजूद कई मतदान केन्द्रों में राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं के जमावड़े को लेकर छुटपुट गहमा गहमी हुई, जिसे आपस में ही सुलझा लिया गया। अधिकांश शिकायतें मतदान केंद्रों के पास चुनाव प्रचार करने को लेकर थी।
पर्चिया नहीं बंटने से मतदाता परेशान…..
जिला प्रशासन की ओर से बीएलओ के माध्यम से घर-घर क्यूआर कोड वाली पर्चिंया वितरित कराई गई थी, लेकिन ऐसी कई तंग गलियां थी जहां न तो राजनीतिक दलों की पर्चिया पहुंची और न ही बीएलओ की पर्चिंया पहुंची, जिससे मतदाता परेशान हुए। हालांकि मतदान केन्द्रों के पास बीrएलओ की तैनाती रही जिससे लोगों को तत्काल से हाथ से बनी पर्चिंया बना कर दी गई, तब जाकर लोग मतदान कर सके। कुछ लोगों ने इस झंझटों में पड़ने के बजाय मतदान ही नहीं दिया।
कई जगह ईवीएम में खराबी से लेट हुआ मतदान्…………
लोकसभा सीट के लिए सुबह सात बजे से मतदान शुरु हुआ। रसल चौक स्थित आर्य कन्या शाला व लाला लाजपत राय वार्ड में ईवीएम में खराबी के कारण सुबह १० से १५ मिनट तक मतदान प्रभावित रहा। ऐसे ही ग्रामीण क्षेत्रों भी एक दो जगह ईवीएम में खराबी होने के कारण मतदान प्रक्रिया प्रारंभ होने में कुछ देर हुई। प्रशासन की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त थी रिजर्व में रखी गई ईवीएम मशीनें तत्काल में बदल दी गई। ऐसा कहा जा रहा था कि गर्मी की जगह मशीनों में ज्यादा दिक्कतें आयेंगी।
वार्ड नंबर ७१ के अंधुआ में ईवीएम मशीन खराब होने की जानकारी सामने आई। हालांकि मतदान दल समय न गंवाते हुए
तत्काल एक्टिव हो गया। जिसके बाद मतदान तो शुरु हो गया लेकिन इसमें करीब आधा घंटे का विलंब हो गया। मतदान जहां ७ बजे शुरु होना था तो ७ बजकर २७ मिनट पर वोटिंग शुरु हुई। यहां मशीन बंद होने के कारण महिलाएं भड़क गईं। कुछ जागरुक लोगों ने इन महिलाओं के मतदान केंद्रों के बाहर वीडियो भी बनाए।
फर्जी मतदान का युग समाप्त…..
निर्वाचन आयोग द्वारा निष्पक्ष मतदान कराये जाने के लिए जितने कदम उठाये जा रहे हैं, उनमें एक कदम फर्जी मतदान रोकने के लिये भी उठाया गया है। इसके लिये निर्वाचन आयोग ने फोटोयुक्त मतदाता सूची इस बार तैयार कराई है और बीएलओ के माध्यम से फोटोयुक्त मतदाता पर्ची भी घर-घर पहुंचाई है। अब मतदाता सूची में आपकी फोटो के साथ नाम है तो ही आप मतदान कर पायेंगे, अन्यथा नहीं। मतदाता पर्ची के साथ आईडी प्रुफ की अनिवार्यता तो नहीं लेकिन फर्जी मतदान रोकने के लिये अधिकांश मतदाताओं से आईडी प्रूफ भी मांगे गये हैं, लिहाजा इस बार फर्जी मतदान के सारे रास्ते बंद हो गये थे और फर्जी मतदान को लेकर होने वाली झड़पें भी नहीं हुईं।
नेत्रहीन और निशक्तों ने भी किया मतदान…..
चुनाव में नेत्रहीन और निशक्तजन भी मतदान करने में पीछे नहीं रहे। लोकतंत्र के महायज्ञ में उन्होंने भी मतदान की आहुति डाली। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में श्रीमती शकिया बाई ने कांपते हाथों और लंगड़ाते पैरों से पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं एक विकलांग युवक अपनी ट्रायसिकिल लेकर मतदान केन्द्र के अंदर तक वोट डालने पहुंचे।
प्रत्याशियों ने खुद को डाला अपना वोट…..
भाजपा प्रत्याशी आशीष दुबे ने अपनी परिवार के साथ एमएलबी स्कूल में मतदान किया, वही कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश यादव ने दीक्षितपुरा मतदान केंद्र में सपरिवार मतदान किया। लोकनिर्माण मंत्री राकेश िंसह ने सांईंस कॉलेज में बने मतदान केन्द्र में अपनी पत्नी माला सिंह और भाई लेखराज सिंह के साथ जाकर वोट डाला। इसी तरह अन्य प्रतिनिधियों में राज्यसभा सदस्य सुमित्रा वाल्मीक ने एलएन स्कूल रांझी में, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने बेलासिंह स्कूल में, विधायक अशोक रोहाणी ने सांईस कॉलेज में और विधायक अभिलाष पांडे ने हितकारिणी स्कूल सूपाताल में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
सुबह तेज, दोपहर में धीमा, शाम को पकड़ी रफ्तार….
मतदान के शुरूआती दो घंटों में सुबह ७ बजे से लेकर ९ बजे तक मतदाताओं ने खासी तेजी दिखाई। मॉर्निंग वॉक पर निकले लोग वोट डालने के बाद घर पहुंचे तो वहीं आम युवा मतदाता सुबह नहा धोकर ८ बजे तक मतदान केन्द्रों में पहुंच गये थे। इसके बाद १० बजे से शाम ४ बजे तक मतदान की रफ्तार धीमी रही। सुबह तेजी से मतदान हुआ। इसके बाद शाम ५ बजे से ६ बजे के बीच आखिरी घंटों में फिर मतदान केन्द्रों में लाईन लग गई थी। घरेलू कामकाजी महिलाओं ने काम से फुर्सत होने के बाद वोट डालने में रूचि दिखाई। सुबह ७ बजे से १० बजे के बीच २० फीसदी मतदान हो चुका था। १० बजे से २ बजे तक कुल ७ से ८ प्रतिशत वोट डल पाये थे। ३ से ५ बजे के बीच ३० फीसदी मतदान हुआ और ५ से ६ बजे के बीच फिर एक बार मतदन में तेजी आई। शाम ६ बजे तक संसदीय क्षेत्र के कुल मतदान का आंकड़ा ५९.९५ प्रतिशत फीसदी तक पहुंच गया।
पल पल की गतिविधि रिकार्ड ……………….
पूरे चुनाव की निगरानी जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर कार्यालय से लाईव की गई। एक एक पल की गतिविधि रिकार्ड की गई। सीसीटीवी कैमरों से भी सभी क्रिटिकल और वल्नरेबल मतदान केंद्रों पर आयोग ने सीधी नजर रखी। कलेक्ट्रेट कम्युनिकेशन सभा कक्ष में तैनात दक्ष कर्मचारी अमले ने पूरे जिले की गतिविधियों की पल पल की अपडेट अधिकारियों को भी दी और चुनाव आयोग की वेबसाईट पर भी डाली। इसके अलावा जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर दीपक सक्सेना और उनकी टीम लगातार दल-बल सहित हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं।
पनागर के धरहर में मतदान का बहिष्कार……..
पनागर के धरहर ग्राम के मतदान केन्द्र में लोगों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया। जानकारी मिलते ही तत्काल प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। क्षेत्रीय जनों का कहना है उनके यहां की सड़क बहुत जर्जर है। इसके लिये पंचायत से लेकर कलेक्ट्रेट और सीएम हेल्पलाईन तक सबमें शिकायत की गई। लेकिन आज तक उनकी समस्या नहीं सुनी गई। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने लिखित आश्वासन मांगा। जिसके चलते शाम ५ बजे तक यहां मतदान शुरु नहीं हुआ।
वाहन स्टैंड को लेकर विवाद……
गढ़ा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र में स्टेण्ड में वसूली की शिकायत पर पुलिस पहुंची, जवानों के पहुंचने पर शिकायत सही पाई गई। यहां क्षेत्र के कुछ लोग साइकिल, स्कूटर, कार आदि से पैसा वसूल रहे थे। लोगों ने बताया कि मतदान केंद्र के सामने पुलिस वाहन खड़े नहीं करने दे रही थी, इस कारण उन्होंने सुरक्षा के चलते स्टैंड पर वाहन रखे। पुलिस की समझाइश के बाद स्टैंड बंद हुआ, बाद में एक सिपाही वाहनों के पास लगाया गया।