जेल प्रशासन ने किया सीएम केजरीवाल की पत्नी के मुलाकात का आवेदन खारिज

-जेल नियमों हफ्ते में दो मुलाकात हो सकती है, आज आतिशी करेंगी मुलाकात
नई दिल्ली । सीएम केजरीवाल की पत्नी का मुलाकात का आवेदन खारिज हो गया है। तिहाड़ जेल अधिकारियों ने सुनीता केजरीवाल को अपने पति अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की इजाजत नहीं दी है। सुनीता दिल्ली के सीएम यानी अपने पति से मिलने तिहाड़ जेल जाने वाली थीं। सूत्रों के मुताबिक आज आतिशी अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने आने वाली है। आतिशी को दोपहर का समय दिया गया। एक हफ्ते पहले यह मुलाकात फिक्स की गई थी और उसके अगले दिन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की केजरीवाल से मुलाकात का समय दिया गया है।
तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि पहले से फिक्स आतिशी और पंजाब सीएम की मुकालात हो जाने के बाद ही सुनीता केजरीवाल को अपने पति अरविंद केजरीवाल से मिलने की इजाजत दी जाएगी। सुनीता केजरीवाल अब मंगलवार के बाद उनसे मिल सकेंगी। जेल नियमों के मुताबिक एक हफ्ते में दो मुलाकात की इजाजत दी जाती है। तिहाड़ प्रशासन के मुताबिक केजरीवाल की पत्नी सुनीता अब तक तिहाड़ जेल में उनसे 4-5 मुलाकात कर चुकी हैं, लेकिन जेल मैनुअल सबके लिए लागू है।
आप के सूत्रों का कहना है कि आतिशी को सीएम केजरीवाल से मिलने की इजाजत मिली हुई है। जेल नियमों के मुताबिक हफ्ते में दो मुलाकात हो सकती है और हर एक मुलाकात में दो लोग रह सकते हैं। इस हिसाब से आतिशी के साथ सुनीता केजरीवाल का नाम भी मेल के जरिए तिहाड़ जेल प्रशासन को भेजा गया था, लेकिन जेल प्रशासन की तरफ से सुनीता केजरीवाल की मुलाकात रोक दी गई, अब सि​र्फ आतिशी ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिल सकेंगी।
बता दे अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी ने 21 मार्च को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि वह घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता थे और सीधे तौर पर शराब कारोबारियों से रिश्वत मांगने में शामिल थे। इन आरोपों को खारिज करने वाली आप का कहना है कि दिल्ली में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा और मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री की याचिका पर सुनवाई करने वाला है जिसमें उन्होंने ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि मामले में उनकी अवैध गिरफ्तारी स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव और संघवाद पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर एक अभूतपूर्व हमला है। बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने पहले दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को वैध बताते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।