बेंगलुरु । पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते की काली करतूतों का परत दर परत खुलासा हो रहा है। सैकड़ों महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों से घिरा प्रज्वल रेवन्ना विदेश भाग गया है लेकिन कथित कुकर्म उसका लगातार पीछा कर रहे हैं। सैकड़ों आपत्तिजनक वीडियो सामने आए हैं। इन वीडियो में प्रज्वल रेवन्ना महिलाओं का यौन शोषण करते नजर आ रहे हैं। हालांकि प्रज्वल रेवन्ना और उनके परिवार ने इन वीडियो को फेक बताते हुए परिवार की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। कर्नाटक सरकार ने एसआईटी गठित कर दी है। प्रज्वल जर्मनी में हैं और उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। एक शख्स अन्य शख्स ने बताया कि रेवन्ना के घर में काम करने वाली लड़कियां और महिलाएं घबराती थीं। वह उन्हें नहाते समय बाथरूम में आपने साथ ले जाता था। बाथरूम में उनका यौन शोषण करता था। जब वह नहाने जाता था तो घर की काम करने वाली महिलाएं यहां-वहां छिप जाती थीं ताकि वह बच सकें। कोई महिला या लड़की रेवन्ना से कोई मदद की आस लेकर आती थी तो वह उसे भी अपने जाल में फंसा लेता था। वह महिलाओं और लड़कियों की मजबूरी का फायदा उठाता था। रेवन्ना परिवार की हनक के चलते हर कोई डरता था।
यहां के एक नागरिक ने बताया कि देवगौड़ा परिवार से यहां के लोग डरते हैं, क्योंकि बीते 20 साल से उनका यहां होल्ड रहा है। वह कहते हैं कि लोग एचडी देवगौड़ा का सम्मान करते हैं लेकिन रेवन्ना परिवार से डरते हैं।एक स्थानीय शख्स ने बताया कि ब्राह्मण वेद को मानते हैं। वह हर किसी को समान समझते हैं, गले लगाते हैं, लेकिन यह देवगौड़ा परिवार ब्राह्मण से भी खुद को ऊपर समझते हैं। रेवन्ना और उनके परिवार की संस्कृति ही अलग तरह की है। अगर दलित समुदाय का कोई शख्स उनसे मिलना चाहता है तो उसे सुबह जल्दी जाना पड़ता है, ऐसा इसलिए क्योंकि वह बिना नहाए ही दलितों से मिलते हैं। किसी कारण से रेवन्ना के घर जाकर उनसे मिल सुबह मिलता है। एक दूसरे स्थानीय शख्स ने बताया कि अगर सुबह उनके नहाने के बाद कोई दलित मिलने पहुंच गया तो वे नाराज हो जाते हैं। वह कहते हैं कि यह कोई समय है आने का? इस समय क्यों आए हो? वे अपने लोगों से हम लोगों को वहां से हटाने को कहते हैं। अगर कोई धोखे से उन्हें छू गया तो वह फिर से नहाते हैं। हालांकि ये लोग कहते हैं कि यह सिर्फ रेवन्ना परिवार के साथ है, देवगौड़ा ऐसे बिल्कुल नहीं हैं, वह हर किसी के साथ सामान व्यवहार करते हैं। लोगों ने बताया कि जब रेवन्ना यहां से जिला पंचायत सदस्य बने, विधायक और सांसद बनते गए, वैसे-वैसे वह देवगौड़ा को हम लोगों से दूर ले गए। वह सिर्फ वोक्कालिगा के लिए सोचते हैं, उनकी ही राजनीति करते हैं। कोई भी दलित उनके सामने बैठ नहीं सकता है। दलितों के बीच होने पर सिर्फ रेवन्ना परिवार के लिए ही कुर्सी होती है जबकि बाकी सबको खड़ा रहना पड़ता है।