दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर के बाहर लगे इंदिरा गांधी के पोस्टर

नई दिल्ली । भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के बाद लोग अब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद कर रहे हैं। साल 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग करने की घटना को भी लोग याद कर रहे हैं। वहीं दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर इंदिरा गांधी के पुराने पोस्टर लगे हैं, जिस पर इंदिरा होना आसान नहीं और इंडिया मिसेस इंदिरा जैसे नारे लिखे हैं। वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुए अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट साझा की। उन्होंने 1981 की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि अमेरिका के विरोध के बावजूद इंदिरा गांधी ने भारत के लिए 5.8 बिलियन डॉलर का आईएमएफ ऋण हासिल किया था, ताकि तेल की कीमतों में तीन गुना वृद्धि से निपटा जा सके। अमेरिका ने आईएमएफ की कार्यकारी बोर्ड बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। जयराम रमेश ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, 9 नवंबर 1981 को आईएमएफ ने भारत को 5.8 बिलियन डॉलर का ऋण स्वीकृत किया। अमेरिका ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और कार्यकारी बोर्ड की बैठक से दूर रहा था। लेकिन इंदिरा गांधी आईएमएफ को यह समझाने में सफल रहीं कि तेल की कीमतों में तीन गुनी वृद्धि से निपटने के लिए भारत को ऋण की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने फरवरी 1984 की एक घटना की ओर ध्यान आकर्षित किया, जब तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट पेश किया और भारत द्वारा आईएमएफ कार्यक्रम के सफल समापन की घोषणा की। जयराम रमेश की एक्स पोस्ट में आगे लिखा गया है, 29 फरवरी, 1984 को जब प्रणब मुखर्जी ने बजट पेश किया था, तो उन्होंने उनसे यह घोषणा करवाई थी कि भारत ने आईएमएफ कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और वह स्वीकृत राशि में से 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर नहीं ले रहा है। यह आईएमएफ के इतिहास में शायद अनोखी बात है।