साइबर ठग ने पेटीएम स्टाफ बताकर उडाए हजारों रुपए

-सावधानी बरत कर बच सकते हैं साइबर फ्रॉड से
नई दिल्ली । ठगों और जालसाजों ने लोगों के डिजिटल वॉलेट और अकाउंट्स में सेंध मारने का तरीका ढूंढ लिया है। ऐसा ही एक मामला आगरा से सामने आया है। यहां एक ठेले वाले से 82500 रुपये की ठगी कर ली गई है। जानकारी के अनुसार, एक साइबर ठग पेटीएम का एजेंट बनकर ठेले वाले के पास पहुंचा था। उसने ठेले वाले से कहा है कि उसके पेटीएम की केवाईसी करनी है।
इस तरीके से उसने ठेले वाले के फोन पर भेजा गया ओटीपी ले लिया। इसके बाद ठेले वाले के अकाउंट में पड़े 82500 रुपये उड़ा लिए। पीड़ित को इस बात का पता तब चला जब वह पैसे निकालने के लिए अपने बैंक की ब्रांच में गया। मामला समझ आते ही उसने पुलिस को इसकी सूचना दी। आगरा पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है। यह पहला मामला नहीं है जब पेटीएम को बहाना बनाकर लोगों से ठगी की गई हो। कुछ महीने पहले जब पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई ने कार्रवाई की थी तब भी इसका सहारा लेकर कई लोगों से ठगी की गई थी। उस समय लोगों को फोन कर के कहा जा रहा था कि उनका खाता पेटीएम पेमेंट्स बैंक से किसी और बैंक में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके बाद उनसे ओटीपी मांगा जाता था और फिर खाते में पड़े पैसे उड़ा लिये जाते थे। कोई भी पेटीएम अधिकारी आपसे यूपीआई पिन या ओटीपी नहीं पूछता है। अगर कोई भी आपसे ओटीपी पूछता है तो यह फ्रॉड हो सकता है। पेटीएम आपको कोई लिंक या एसएमएस नहीं भेजता है। अगर आपको ऐसा लिंक मिलता है तो यह फ्रॉड हो सकता है।
पेटीएम ऐप को कभी किसी थर्ड पार्टी सोर्स से डाउनलोड न करें। इसके अलावा आप पेटीएम अकाउंट को टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन से सिक्योर कर सकते हैं। कुछ भी संदिग्ध होने का संदेह हो तो तुरंत कस्टमर केयर को संपर्क करें। मालूम हो कि तकनीक की वजह से लोगों का जीवन आसान हुआ है। यह सच है। लेकिन इसी तकनीक ने कई परेशानियां भी खड़ी कर दी हैं। अब लोग कैश अपने पास नहीं रखते तो सीधे तौर पर उनसे छीना-झपटी नहीं की जाती। पैसा अब बैंक अकाउंट और डिजिटल वॉलेट में सुरक्षित रखा जाता है। ऐसा करने से उम्मीद यही की जाती है कि पैसा अधिक सुरक्षित रहेगा।