युवाओं के लिए प्रेरणा हैं त्वमेव सर्वम

आज के इस आधुनिक और पूंजीवादी समाज में गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार के युवाओं को जिंदगी के लिए अभाव में अपने सपने को पूरा करने के लिए न सिर्फ संघर्ष करना पड़ता हैं।बल्कि,कई कठिन परिस्थितियों से भी गुजरना पड़ता हैं।किसी भी गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार के युवा के लिए जीवन में सफलता अर्जित करना इतना सरल नहीं हैं।जब प्रतिस्पर्धा आर्थिक और बौद्धिक दोनों रूप से हो।लेकिन,जब युवाओं को कुछ ऐसे शख्सियत की जीवन सफलता को सुनने और जानने का अवसर मिलता हैं।जो उन्हीं की तरह विषम परिस्थितियों में रह कर स्वयं को साबित किये और एक मुकाम को हासिल किया।तो वे प्रेरित होते हैं और उम्मीद लेकर हौसला के साथ लक्ष्य की ओर अग्रसर होते हैं।ऐसी ही एक लघु फिल्म त्वमेव सर्वम हैं।जो युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।यह मध्यप्रदेश के ज्वाइंट कलेक्टर डॉ जीवन एस रजक के संघर्षों पर आधारित हैं।उनके पिता मूलचंद ने उन्हें किस प्रकार ज्वाइंट कलेक्टर बनाने के लिए तकलीफे उठाई?कैसे उनका हमेशा साथ दिया?और हमेशा उन्हें प्रेरित करते रहें।पिता पुत्र का संघर्ष और एक दूसरे का साथ आज के समाज के हर पिता पुत्र के लिए एक सबक हैं कि शिक्षा ही एकमात्र शस्त्र हैं।जिसके बल पर गरीबी की बेड़ियों को तोड़ते हुए समाज के लिए कुछ करने की चाह को पूरा कर सकते हैं।समाज में बदलाव ला सकते हैं।

लघु फिल्म त्वमेव सर्वम में डॉ जीवन एस रजक का किरदार अभिनेता बिक्रम सिंह ने निभाया हैं।जो देखने में एकदम वास्तविक लगता हैं।वहीं मूलचंद के किरदार में संजय मिश्रा हैं।उन्होंने भी पिता का किरदार सठीक निभाया हैं।