10 अक्टूबर 2024 को अंतरिक्ष में होगी एक अनोखी खगोलीय घटना

वॉशिंगटन । इस साल अंतरिक्ष में एक नया अनुभव खगोलविदों देखने को मिलेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण और ऑरोरा बोरेलिस के बाद स्काईगेजर्स के लिए एक नई खगोलीय घटना आ रही है। स्काईगेजर्स को एक दुर्लभ अंतरिक्ष घटना दिखेगी, जिसमें धूमकेतु त्सुचिनशान-एटीएलएएस (सी/2023 ए3) शामिल है। ये रात में अपनी चमक बढ़ाने की प्रक्रिया में है। इस धूमकेतु ए3 की ऑर्बिट मंगल और बृहस्पति के बीच है। इसे पूरा होने में 80,000 साल लगे और इस अभी केवल दूरबीन से ही देखा जा सकता है।
धूमकेतुओं के बारे में भविष्यवाणी करना आसान नहीं है, लेकिन खगोलविदों ने उनके पथों का अध्ययन करने के बाद बताया है कि उन्हें कहां और कैसे देखा जा सकता है। यह खगोलीय पिंड अक्टूबर के दौरान चमकदार हो जाएगा और शुक्र ग्रह जितना चमकीला हो जाएगा। इस तरह यह लाखों धूमकेतुओं की मेजबानी करने वाले ऊर्ट क्लाउड नामक पिंड से आने के बाद कॉमेट ऑफ ईयर बन जाएगा। यह 10 अक्टूबर 2024 को सूर्य के सबसे करीब उड़ान भरेगा और उत्तरी गोलार्ध से दिखाई देगा। ए3 धूमकेतु को संभवतः अक्टूबर और नवंबर के दौरान नग्न आंखों से देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों ने बीते साल सूर्य के करीब से गुजरने वाले सी/2023 ए3 नाम के नए धूमकेतू की खोज की थी। अनुमान के मुताबिक 80,660 साल में यह सूर्य की एक परिक्रमा करता है। इसे पहली बार 22 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका में एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम टेलीस्कोप में देखा गया था। चीन के पर्पल माउंटेन ऑब्जर्वेटरी के खगोलविदों ने 9 जनवरी को इस धूमकेतु की स्वतंत्र रूप से खोज की थी। ये धूमकेतु शनि और बृहस्पति ग्रह के बीच है। इस साल अक्टूबर में यह किसी तारे की तरह दिखाई देगा। यह धूमकेतु 290,664 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हमारे सौरमंडल में यात्रा कर रहा है। 13 अक्टूबर 2024 को इसके पृथ्वी के करीब से गुजरने की संभावना है। खगोलविदों का अनुमान है कि धूमकेतु हर 80, 660 वर्षों में सूर्य की एक बार परिक्रमा करता है। 28 सितंबर 2024 को यह सूर्य के सबसे करीब पहुंचेगा। धूमकेतु बर्फ और धूल की बनी चट्टान होती हैं और सूर्य के करीब से गुजरने के दौरान टूटने लगती हैं। अगर धूमकेतु सिंगल पीस में बचा रह जाता है तो पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरने के दौरान यह जून 2024 में दूरबीन से दिखाई दे सकता है।