:: शादी समारोह में रेकी करने के बाद गहनों और रुपयों का बैग लेकर हो जाते थे चंपत ::
:: म.प्र. के कई शहरों सहित राजस्थान और हरियाणा में भी कर चुके हैं वारदात ::
:: भोपाल जिले के फंदा में गहनों का बैग लेकर फरार हो गए थे बदमाश ::
:: इन्दौर के चंदन नगर व भंवरकुआं थाना क्षेत्रों से भी कुल 16.5 तोला सोना चुराया था ::
इन्दौर/भोपाल (ईएमएस)। म.प्र. पुलिस अपराधों और अपराधियों पर नियंत्रण के लिए लगातार प्रभावी कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में राजगढ़ जिले की पुलिस ने विवाह समारोह में गहनों और रुपयों से भरे बैग लेकर फरार होने वाले अंतर्राज्यीय सांसी गिरोह के सरगना और उसके एक अन्य साथी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। बदमाशों से 64 लाख रुपए के सोने-चांदी के गहने पुलिस ने बरामद किए हैं। बदमाशों ने मध्यप्रदेश के कई शहरों सहित राजस्थान और हरियाणा में भी चोरी की वारदात को अंजाम दिया है।
दरअसल, 29 अप्रैल 2024 को भोपाल जिले के फंदा में दिनेश पिता माखनलाल राठौर निवासी सारंगपुर अपनी भतीजी की सगाई में शामिल होने गए थे। इस दौरान बदमाशों ने गहनों से भरा उनका काले रंग का बैग चोरी कर लिया। इसकी रिपोर्ट दिनेश राठौर ने खजूरी सड़क थाना भोपाल में की। भोपाल पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि बैग चुराने वाले बदमाश राजगढ़ जिले के बोड़ा थाना क्षेत्र के निवासी हैं। इस पर भोपाल पुलिस ने राजगढ़ पुलिस से संपर्क किया। भोपाल पुलिस की सूचना पर राजगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने तत्काल टीम का गठन कर बदमाशों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। अपराधी एवं अपराध की सूचना मिलते ही जिला राजगढ़ के पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने उक्त घटना को गंभीरता से लेकर तत्काल एक पुलिस टीम के जरिए थाना बोडा क्षेत्र के कड़िया सांसी में करीब 20 दिन का केम्प किया और सर्वे किया। इस दौरान आरोपी चिन्हित किए गए।
:: 20 दिनों तक पुलिस ने किया सर्वे ::
आरोपियों की धरपकड़ के लिए राजगढ़ पुलिस ने 20 दिनों तक बोड़ा थाना क्षेत्र के कड़िया सांसी में ढेरा डालकर सर्वे किया। इस दौरान आरोपियों को चिन्हि्त किया गया। ग्राम कड़िया सांसी में पुलिस टीम का सामान्य रूप से आना-जाना कुछ कठिन प्रतीत हो रहा था, क्योंकि गांव में निवासरत सांसी समुदाय के लोग एकत्रित होकर पुलिस बल का विरोध करना प्रारंभ कर देते थे। वहीं जिले के पुलिस कप्तान द्वारा लगातार उक्त क्षेत्र में प्रभावी गश्ती कारवाई सहित अपराधियों को चिन्हित किया गया।
:: कश्मीर तक पुलिस ने किया पीछा ::
सांसी गिरोह के बदमाश काफी शातिर प्रवृत्ति के हैं। वह वारदात के बाद लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे। पुलिस टीम आरोपियों की पहचान होने के बाद उनके पीछे लगी हुई थी। इसी क्रम में पुलिस को सूचना मिली की सांसी गिरोह के सरगना प्रिंस पिता पुरुषोतम सिसोदिया उम्र 18 वर्ष निवासी ग्राम कड़िया सांसी व सोहन पिता बालकृष्ण सिसोदिया उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम कड़िया सांसी वैष्णो देवी दर्शन को जम्मू-कश्मीर गए हैं। इस सूचना पर राजगढ़ पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जम्मू-कश्मीर रवाना हुई, लेकिन तब तक आरोपी वहां से वापस रवाना हो गए। पुलिस टीम बदमाशों की धरपकड़ के लिए लगातार पीछा करती रही। आरोपियों के वापस आने पर पुलिस ने उन्हें अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की।
:: बदमाशों ने यहां भी की थी वारदातें ::
आरोपियों ने थाना चंदन नगर इन्दौर में 2.5 लाख रुपए व 10 तोला सोना कुल कीमत 9.5 लाख रुपए, भंवरकुआं इन्दौर में 6.5 तोला सोना कीमत करीबन 4.5 लाख रुपए, शाहपुरा राजस्थान में 1.5 लाख रुपए, रेवाड़ी हरियाणा में 30 तोला सोना कीमत 21 लाख रुपए व थाना खजूरी सड़क भोपाल में करीब 40 तोला सोने के गहनें कीमत करीब 28 लाख रुपए की वारदातें करना स्वीकार किया। आरोपी प्रिंस व सोहन को राजगढ़ पुलिस ने थाना खजुरी सड़क भोपाल के सुपुर्द किया गया।
:: ऐसे देते थे वारदात को अंजाम ::
सांसी गैंग में शामिल बदमाश देश के विभिन्न स्थानों पर जाकर शादी-सगाई जैसे समारोह में शामिल होते थे। वह शादी समारोह के स्थलों और बैंक परिसरों की भी रैकी करते थे। अस्पताल व सार्वजनिक स्थानों में रहकर घटना स्थल को चिन्हित करते थे। शादियों में अच्छे कपडे़ पहनकर मेहमानों में शामिल होकर दूल्हा एवं दुल्हन के माता पिता के बैग व सामान पर नजर रखते थे और मौका पाते ही सोने-चांदी से भरा बैग चुराकर फरार हो जाते थे। चोरी की वारदात करने के लिए बदमाश अक्सर नाबालिग बच्चों का उपयोग करते थे।
:: इनकी रही सराहनीय भूमिका ::
सांसी गैंग के सरगना और उसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया। इस टीम में उनि राहुल रघुवंशी थाना प्रभारी मलावर, उनि रमेश जाट थाना सारंगपुर, आरक्षक मुलायम, आरक्षक राहुल थाना कालीपीठ, आरक्षक कृष्णा, आरक्षक पंकज जाट, आरक्षक सुमित सायबर सेल, आरक्षक रीना राठौर थाना सारंगपुर, आरक्षक रक्षा थाना कोतवाली राजगढ़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।