भोपाल । मप्र विधानसभा के बजट सत्र में आज दूसरे दिन भीकनगांव स्थित बिंजलवाड़ा उद्ववहन सिंचाई परियोजना को लेकर विपक्ष के कई विधायकों ने शोर शराबा किया। उनकी मांग थी कि इस परियोजना में हो रहे विलंब के कारणों की जांच होना चाहिए। इस पर राज्यमंत्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ने सदन को भरोसा दिलाते हुए कहा कि प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाकर पूरे मामले की जांच करा लेंगे। मध्य प्रदेश में किसान हितैषी सरकार है और किसानों से संबधित हर एक विषय को सरकार गंभीरता से लेती है। वैसे इस परियोजना का 87 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। हमारा प्रयास रहेगा कि यह परियोजना का शेष काम भी जल्द पूरा हो ताकि किसानों को सिंचाई की सुविधा आसानी से मुहैया हो सके।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक झूमा सोलंकी ने पूछा था कि उपरोक्त परियोजना कब तक पूरी हो जाएगी और इसका कितना काम पूरा हो चुका है। इस पर राज्यमंत्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ने बताया कि 87 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और इसके लिए 745 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। परियोजना के माध्यम से 5 हजार हेक्टेयर में टेस्टिंग कर पानी दिया जा रहा है। जो शेष काम बचा है उसे दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। मंत्री के इस जवाब से विधायक सोलंकी सहमत नहीं हुईं और उन्होंने कहा कि सदन को गलत जानकारी दी जा रही है। एक भी किसान के खेत तक पानी नहीं पहुंचा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सदन अनुमति दे तो इस आशय का एक एक किसान का शपथ पत्र मैं दिला सकती हूं। इसी बीच राज्यमंत्री लोधी ने फिर कहा कि मप्र की सरकार किसान हितैषी है हमने 50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की है पहले की कांग्रेस सरकार के समय में मात्र साढ़ 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई मुश्किल से हो पाती थी। मंत्री की बात सुनकर कांग्रेस विधायकों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि आप क्या कर रहे हैं ये बताईए। कांग्रेस विधायक सचिन यादव सहित कई कांग्रेस विधायक खड़े हो गए और हंगामा करने लगे। इस पर संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि विपक्ष सदस्य सच्चाई सुनना नहीं चाहते है। साथ ही उन्होंने विधायक झूमा सोलंकी की सराहना करते हुए कहा कि विषय अच्छा है और समस्या को उठाने का तरीका भी अच्छा है। उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि मैं खुद इस परियोजना की मॉनिटरिंग करुंगा।
आंगनवाडी के भवनों पर हालत पर उठे सवाल
विधानसभा में प्रशनकाल के दौरान भाजपा विधायक मोहन सिंह राठौर ने आंगड़वाडियों को लेकर पूछा कि भितरवार क्षेत्र में 32 आंगनवाडियां अधूरी हैं और 30 का काम शुरु नहीं हुआ है। ये कब तक तैयार हो जाएगीं। इसके जवाब में महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि जैसे जैसे फंड मिलता जाता है वैसे वैसे आंगनवाड़ियों का काम पूरा होता है। तभी कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने आसंदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा कि ये मामला सिर्फ भितरवार का नहीं है पूरे प्रदेश में अमूमन यही स्थति है। विधायक विपीन जैन ने भी कहा कि मंदसौर जिले में 343 आंगनवाड़ी केंद्रों पर बिजली और पंखे नहीं हैं। जरा सोचिए 45 डिग्री के तापमान में कैसे वच्चे वहां बैठे होंगे। इस पर संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि माननीय सदस्य को पता होना चाहिए कि जब तापमान बढ़ा था तभी कलेक्टर ने स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद करने के आदेश दिए थे। कांग्रेस विधायक भवंर सिंह शेखावत ने बीच में ही बोलना शुरु कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की एक नहीं कई आंगनवाडियां हैं जहां मवेशी या कुत्ते बैठ रहे हैं।
नियमिकरण का उठा मुद्दा
कांग्रेस विधायक देवेंद्र रामनारायण सखवार ने प्रश्नकाल में दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों के नियमिकरण का मुद्दा उठाया। जिसपर मंत्री कृष्णा गौर ने जवाब देते हुए कहा कि दैनिक वेतन भोगी के नियमितीकरण को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद हमारी सरकार ने 2007 में दैनिक वेतन भोगियों को नियमित करने के आदेश दिए थे, तबसे दैनिक वेतन भोगी लगातार नियमित हो रहे है। संविदा कर्मियों को भी 2023 में बनी नीति के अनुसार नियमित किया जा रहा है। 2016 के बाद 387 दैनिक वेतन भोगी 32 संविदा कर्मी और हजारों अस्थाई कर्मी नियमित हुए है।
बढ़ते अपराध को लेकर
जौरा से कांग्रेस के विधायक पंकज उपाध्याय ने जौरा में घटित अपराधों में लगातार बढ़ोतरी को लेकर सवाल किया। जिसका जवाब राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने दिया। हालांकि पंकज उपाध्याय ने कहा कि मैं मंत्री के जवाब से पूर्णता असहमत हूं। मेरा सवाल है कि क्या कोई राजनीति अपराध करेगा तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हमारे ब्लॉक अध्यक्ष को रोजाना डराया-धमकाया जा रहा है, अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं है।