भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया, युद्ध नहीं: पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली । रूस-यूक्रेन के बीच ढाई साल से जंग जारी है। वहीं, इजरायल-हमास भी पिछले 9 महीने से युद्ध लड़ रहे हैं। इन दोनों युद्ध में दुनिया बहुत तबाही देख चुकी है। हजारों निर्दोष अपनी जान गंवा चुके हैं। लाखों बेघर हो गए हैं और न जाने कितनों की जिंदगी तहस-नहस हो चुकी है। फिर भी युद्ध की आग बुझती नहीं दिख रही है। दुनिया भले ही युद्ध की आग में जलने को बेताब रहे, मगर भारत ने सबको शांति की राह दिखाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्टिया में कहा कि भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया, युद्ध नहीं,भारत हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है।
ऑस्ट्रिया की धरती से पीएम मोदी ने इजरायल और रूस दोनों को एक साथ सुनाया है। पीएम मोदी ने साफ कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकाला जा सकता है। भारत और रूस के बीच पक्की दोस्ती है, फिर भी जब बात युद्ध और शांति में से किसी एक को चुनने की रही तो भारत ने शांति को ही चुना। यही वजह है कि भारत ने रूस से कहा है कि वह युद्द के मैदान को छोड़े और बातचीत के जरिए मसले को हल करे। रूस और भारत के बीच कितनी पक्की दोस्ती है, यह अमेरिका भी अच्छे से जानता है। यही वजह है कि अमेरिका का भी मानना है कि केवल भारत ही रूस से कहकर युद्ध को खत्म करवा सकता है।दुनिया के कई देश जंग की आग को और भड़काने में लगे हैं। वहीं, कई शांति की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। रूस से अच्छी दोस्ती की वजह से भारत पर सवाल उठ रहे हैं कि ‘क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात न कहोगे’। मगर दुनिया को यह समझ जाना चाहिए कि जहां भी युद्ध और शांति में से किसी एक को चुनने की बारी आती है, भारत बेहिचक शांति को ही गले लगाता है। भारत वह देश नहीं जो किसी की नाराजगी के डर से सच न बोले।
इजरायल-हमास जंग और रूस-यूक्रेन युद्ध के मामले में भी पीएम मोदी ने दुनिया को बता दिया कि भारत बिगाड़ के डर से ईमान की बात कहने से पीछे नहीं हटेगा। इसका सबूत पीएम मोदी ने रूस दौरे के दौरान दे दिया। पीएम मोदी ने पुतिन के घर में साफ तौर पर कह दिया कि जंग में निर्दोषों की मौत भारत को किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। पीएम मोदी ने रूस यात्रा के दौरान पुतिन से साफ शब्दों में कहा कि बम, बंदूकों और गोलियों के बीच शांति के प्रयास सफल नहीं होते। पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं है और बम, बंदूकों तथा गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती।