आलू, प्याज, टमाटर ही नहीं दूसरी सब्जियां भी महंगी हुईं

नई दिल्ली । आलू, प्याज, टमाटर ही नहीं दूसरी सब्जियां महंगी हो गयी हैं। प्याज टमाटर के बिना सब्जी का जायका नहीं आता है। लिहाजा महंगाई ने सभी सब्जियों का जायका बिगाड़ दिया है। 30-40 रुपये प्रतिकिलो बिकने वाली भिंडी 100-120 रुपये प्रतिकिलो बिक रही है।
सब्जियों की महंगाई ने रसोई का जायका बिगाड़ दिया है। आलू, टमाटर, हरी सब्जियों के भाव बारिश के मौसम में भी आम आदमी का पसीने छुड़ा रहा है। खुदरा बाजार ही नहीं थोक बाजार में भी भाव में उछाल है। कुछ दिन पहले तक जो 40-50 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर 100 रुपया के पार चला गया है। इस हिसाब से एक टमाटर 10 रुपया के करीब पड़ रहा है। टमाटर के साथ आलू के भाव भी बढ़े हुए हैं। खुदरा बाजार में 40-50 रुपया किलो बिक रहा है। बारिश की वजह से आवक कम होने से फिलहाल भाव घटता दिखाई नहीं पड़ रहा है।
लिहाजा महंगाई ने सभी सब्जियों का जायका बिगाड़ दिया है। 30-40 रुपये किलो बिकने वाली भिंडी 100-120 रुपये किलो बिक रही है। रेहड़ी-पटरी पर बिकने वाली सभी सब्जियों के भाव पिछले 10 दिनों की तुलना में तीन गुने हो गए हैं। हालांकि थोक मंडी में भाव में उतनी वृद्धि नहीं हुई है जितनी खुदरा बाजार की दुकानों में हुई है। बीस और शिमला मिर्च का तीखापन भी बढ़ गया है। सब्जियों की महंगाई में लगी आग से हर वर्ग परेशान है। बिक्रेता सब्जियों के भाव किलो की जगह पाव में बता रहे है। क्योंकि किलो का भाव बताते ही ग्राहक मोल-भाव करने लगते हैं। यही वजह है कि किलो की जगह पाव में भाव बताया जा रहा है। 500 रुपये में भी सब्जियों से झोला भरना महंगाई की वजह से मुश्किल हो रहा है। उधर दलहन के भाव बढ़ने से भी हरी सब्जियों की कीमत पर प्रभाव पड़ रहा है। पहले गर्मी और बारिश से अब आगामी दिनों में भी सब्जियों के यही भाव रहने के आसार हैं।