नीट विवाद: सभी छात्रों के सेंटर और शहर के हिसाब से रिज्लट जारी करे

-सुप्रीम कोर्ट का एनटीए का आदेश
सोमवार को फिर होगी सुनवाई
नई दिल्ली । नीट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई गुरुवार को सीबीआई रिपोर्ट से शुरू हुई थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के कम नंबर, आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट, पेपर में गड़बडी कब और कैसे हुई, कितने सॉल्वर्स पकड़े गए, फिर जांच की मांग और पेपर में गड़बड़ी की पूरी टाइमलाइन पर चर्चा हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को सभी छात्रों के सेंटर और शहर के हिसाब के अनुसार रिजल्ट ऑनलाइन अपलोड करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को निर्देश दिया कि सभी छात्रों के परिणाम-शहरवार और केंद्रवार- शनिवार दोपहर 12 बजे तक ऑनलाइन अपलोड किए जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक काउंसलिंग पर रोक लगाने से इंकार किया। एसजी ने कहा, काउंसलिंग में कुछ समय लगेगा। यह 24 जुलाई के आसपास शुरू होगी। सीजेआई ने कहा, हम सोमवार को ही सुनवाई को तैयार है।
नीट यूजी परीक्षा रद्द होगी या नहीं?
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को लंबी बहस के बाद भी 23 लाख मेडिकल इच्छुक को इस सवाल के जवाब का इंतजार है। अब नीट विवाद पर उम्मीदवारों को सोमवार को होने वाली सुनवाई का इंतजार करना होगा।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से पूछा, 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपना परीक्षा सेंटर बदला? इस पर एनटीए ने जवाब दिया कि करेक्शन के नाम पर छात्रों ने सेंटर बदला है। 15,000 छात्रों ने करेक्शन विंडो का इस्तेमाल किया था। हालांकि एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि छात्र सिर्फ शहर बदल सकते हैं और कोई भी उम्मीदवार केंद्र नहीं चुन सकता। सेंटर का चयन अलॉटमेंट सिस्टम द्वारा होता है। सेंटर का अलॉक्शन परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले होता है, इसलिए किसी को नहीं पता कि कौन सा सेंटर मिलने वाला है।
जब हुई आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट पर चर्चा
केंद्र और एनटीए की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा था कि आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट में नीटी यूजी 2024 परीक्षा में कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है। आईआईटी ने निष्कर्ष निकाला था कि परीक्षा के परिणामों में असामान्यता का कोई संकेत नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि न किसी गड़बड़ी का संकेत था और न ही उम्मीदवारों के एक स्थानीय समूह को लाभ पहुंचाया गया था, जिससे असामान्य अंक आए।
सुनवाई से पहले एनटीए ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना लिखित जवाब दाखिल किया है। एनटीए का कहना है कि नीट परीक्षा में कोई सिस्टेमैटिक फेलियर नहीं था। बिहार की घटना एक आपराधिक गतिविधि है, जिन घटनाओं का जिक्र किया जा रहा है उनकी जांच चल रही है।