सालों से लापता शख्स विज्ञापन में आया नजर, बेटे ने दी सूचना पुलिस तलाश में जुटी

पुणे,(ईएमएस)। पुणे के शिरूर तालुका से एक शख्स दिसंबर 2021 को लापता हो गया। 63 वर्षीय दत्तात्रेय विष्णु तांबे अपने घर से बिना बता निकल लिए। परिवार उनका इंतजार करता रहा लेकिन वह लौटकर नहीं आए। इतने साल बीतने पर परिवार ने उन्हें मरा समझ लिया और भूल गए। लेकिन बीते दिनों अचानक चमत्कार हो गया। परिवार को उनके मिलने की उम्मीद तब जगी, जब दत्तात्रेय विष्णु तांबे सत्ताधारी शिवसेना के इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक विज्ञापन में नजर आए। परिवार ने दावा किया कि शिवसेना के इंस्टा अकाउंट वाले विज्ञापन में दत्तात्रेय विष्णु तांबे ही हैं।
दरअसल, महाराष्ट्र में ‘महायुति’ सरकार ने पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना शुरू की। इस योजना में वरिष्ठ नागरिकों को राज्य और उसके बाहर प्रमुख धार्मिक स्थलों की तीर्थयात्रा के लिए 30,000 रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ राज्य सरकार और सीएम शिंदे की पार्टी इस योजना का जोर-शोर से प्रचार कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सत्ताधारी शिवसेना के विज्ञापन को देख दत्तात्रेय विष्णु तांबे के बेटे भरत चौंक गए। उनका कहना है कि एक दोस्त ने उन्हें व्हाट्सएप स्टेटस का एक स्क्रीनशॉट भेजा उसे उनकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में किसी ने पोस्ट किया था। वरुडे गांव से करीब 25 किलोमीटर दूर शिक्रापुर में एक भोजनालय चलाने वाले भरत ने कहा कि उसने स्क्रीनशॉट देखा और उन्हें विश्वास नहीं हुआ। सरकार के तीर्थ दर्शन योजना के विज्ञापन में उनके पिता थे।
भरत ने कहा कि उनका परिवार तीन साल तक लापता रहने के बाद दत्तात्रेय विष्णु तांबे की सलामती को लेकर संशय में था। उन्होंने सीएम शिंदे से पिता को ढूंढकर हमारे साथ फिर से मिलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा किअब हम निश्चित रूप से जानते हैं कि वह जीवित हैं और स्वस्थ हैं। पिता के मिलने की उम्मीदें अब बढ़ गई हैं। इस बीच पुलिस ने दत्तात्रेय विष्णु तांबे की तलाश शुरू कर दी है। शिक्रापुर पुलिस ने कहा कि भरत ने पुलिस से संपर्क किया और गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है। दत्तात्रेय ताम्बे के बेटे भरत के मुताबिक उनके पिता को बिना बताए घर से चले जाने की आदत थी लेकिन वह एक पखवाड़े या कुछ महीनों में लौट आते थे। पिछली बार जब ताम्बे कई महीनों तक वापस नहीं आए, तो भरत ने उनकी तलाश शुरू कर दी, दोस्तों और रिश्तेदारों से संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।