नायब तहसीलदार को बनाया गया था गवाह, 175 क्विटंल डोंडाचूरा हुआ था जप्त
भोपाल । राजधानी की जिला अदालत ने डोडाचूरा तस्करी के सात साल पुराने मामले में सुनवाई पूरी होने पर तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए 14-14 साल की सजा और 1-1 लाख रुपये से दण्डित किये जाने का आदेश सुनाया है। आरोपी डोंडाचूरा को मूंगफली के छिलकों के साथ पीसकर बेचने का धंधा करते थे, जिससे वे कम समय में ज्यादा पैसा कमा सकें। आरोपियों के खिलाफ थाना ईटखेड़ी में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह फैसला प्रशांत शुक्ला, विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट की कोर्ट ने सुनाया है। प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक विक्रम सिंह और नीरेन्द्र शर्मा द्वारा पैरवी की गई। मिली जानकारी के अनुसार ईटखेड़ी पुलिस को 18 अक्टूबर 2017 को मुखबिर से सूचना मिली थी, कि आरोपी बाबू खान, उनका बेटा रईस खान और ड्राईवर शांतिलाल परेवाखेड़ा के जैन गोदाम में मादक पदार्थ डोंडाचूरा रखे हुए हैं। खबर मिलने पर पुलिस टीम ने दबिश देते हुए गोदाम की तलाशी की तो वहां चार स्थानों पर प्लास्टिक की बोरियों के ढेर मिले। जिनमें से तीन ढेरों में डोंडाचूरा का पाउडर और एक ढेर में मूंगफली के छिलके पाए गए। मौके पर ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और सभी ढेरों से 5-5 किलो के नमूने लिए गए, जिन्हें जांच के लिए आरएफएसएल, भोपाल भेजा गया। जांच में डोंडाचूरा की पुष्टि हुई।
पुलिस की यह कार्यवाही तीन दिन तक चली, जिसमें 593 बोरियों में भरा हुआ 175 क्विंटल डोंडाचूरा और 187 बोरियों मूंगफली के 112 क्विंटल छिलके मिले थे। जॉच के बाद अभियोग पत्र कोर्ट में पेश किया गया। अभियोजन की और से अदालत में 12 गवाह पेश किये गये अभियोजन के साक्ष्य, तर्को एवं दस्तावेजों के आधार पर अदालत ने आरोपियो को दोषी करार दिया। मामले में अहम बात यह थी की ऐसे प्रकरणो में आरोपी के रसूखदार या प्रभावी होने से सामान्य गवाह कोर्ट में पलट जाते है। अदालत में गवाह अपने बयानो से न पलटे इसके लिये प्रकरण में नायब तहसीलदार भोपाल को गवाह बनाया गया था। कोर्ट ने आरोपियो बाबू खां एवं बेटे रईस खा निवासी ग्राम बिल्लोद जिला मंदसौर एवं शांतिलाल निवासी- ग्राम आवाखेडी, जिला मंदसौर को धारा 8/15 एनडीपीएस अधिनियम में तीनों को 14-14 वर्ष का सश्रम कारावास सहित 1-1 लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।