:: बेसमेंट में चल रहे शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई ; अब तक 15 से अधिक कोचिंग संस्थानों को किया गया सील ::
:: गड़बड़ी मिली तो संचालकों पर होगी एफआईआर ::
इन्दौर । दिल्ली में हुए कोचिंग हादसे के बाद मध्य प्रदेश की एजुकेशन हब कहे जाने वाले इन्दौर में प्रशासन सक्रिय हो गया है। शहर में बेसमेंट में चलने वाली लाइब्रेरी, कोचिंग सेंटर्स व कम्प्यूटर प्रशिक्षण संस्थानों पर भी दबिश दी जा रही है।
इन्दौर में जिला प्रशासन व नगर निगम द्वारा शहर में मौजूद लाइब्रेरी, कोचिंग सेंटर्स व कम्प्यूटर प्रशिक्षण संस्थानों आदि की जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है। विशेष रूप से तलघर (बेसमेंट) में संचालित होने वाले इन संस्थानों व पुस्तकालयों की जॉंच की जा रही है। इस दौरान कई गड़बड़ी भी देखने मिल रही है, जिससे वहां पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे है।
बुधवार को भंवरकुआ क्षेत्र में जॉंच अभियान चलाया। इस दौरान बेसमेंट में संचालित होने वाले शिक्षण/कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा गया था, फायर सेफ्टी के उपकरण भी मौजूद नहीं थे। इससे नगर निगम की निष्क्रियता के साथ ही फायर सेफ्टी व भवन अनुज्ञा से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों की सांठ-गांठ पर सवाल उठने लगे है। तमाम गड़बड़ियां मिलने के बाद मौके पर मौजूद टीम ने पॉंच कोचिंग संस्थानों को सील करने की कार्यवाही की। सील किए गए अधिकांश अध्ययन संस्थानों में आने-जाने के लिए एक ही रास्ता था और वहां आग से बचाव के उपकरण भी नहीं लगाए गए थे। साथ ही जिन भवनों में ये कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे है, उन भवनों में नक्शों के विपरीत निर्माण भी नज़र आ रहे है। वहीं, भंवरकुआ क्षेत्र में दर्जनों रहवासी भवनों में होस्टल संचालित होने की भी जानकारी सामने आई है।
इन्दौर कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार दिल्ली की घटना से सबक लेते हुए इन्दौर में बेसमेंट में संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों और पुस्तकालयों की विस्तृत जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शहर में उचित सुरक्षा इंतजामों के बिना बेसमेंट में संचालित अध्ययन संस्थानों को सील किया जा रहा है। अब तक 15 से ज्यादा कोचिंग संस्थानों और पुस्तकालयों को सील किया गया है। इनमें कई संस्थान तो ऐसे थे, जिनकी दीवारों से लेकर छत तक में प्लाईवुड का इस्तेमाल हुआ था। जबकि कुछ स्थानों पर टीन शेड के नीचे कक्षाऍं चल रही थी, ऐसा स्ट्रक्चर भी असुरक्षित है। बताया गया कि इन भवनों में स्वीकृति से भिन्न निर्माण की भी जॉंच की जायेगी और अवैध निर्माण मिलने पर उनको रिमुव्हल करने की कार्यवाही के साथ ही उनके संचालकों पर एफआईआर भी दर्ज कराई जायेगी।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 27 जुलाई को भारी बारिश के बाद ओल्ड राजेंद्र नगर क्षेत्र के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की डूबकर मौत हो गई थी।