शास्त्रों में हर तरह के पितरों के मोक्ष का विधान, लेकिन भ्रूण हत्या जैसे महापाप से मुक्ति का कोई प्रावधान नहीं –

:: हंसदास मठ पर चल रहे अनुष्ठान में 350 से अधिक साधकों ने तर्पण के बाद लिया स्वच्छता का संकल्प ::
इन्दौर (ईएमएस)। हमारे शास्त्रों में हर तरह के पितरों के लिए मोक्ष का विधान बताया गया है, लेकिन भ्रूण हत्या के माध्यम से हम जिन जीवों की मृत्यु करते या करवाते हैं, उनकी मुक्ति का कोई साधन शास्त्रों में नहीं बताया गया है। भ्रूण हत्या करना या कराना महापाप है। इससे बचने के लिए संकल्प करें कि न तो भ्रूण हत्या करेंगे, और न ही किसी को करने देंगे। यदि भूले से भी हमसे जाने-अनजाने में ऐसा पाप हो गया है तो भविष्य में किसी भी जीव की हत्या नहीं करने का संकल्प करेंगे तो असंतुष्ट आत्माएं भी तृप्त हो सकती है।
ये दिव्य विचार हैं भागवताचार्य पं. पवन तिवारी के, जो उन्होंने गुरुवार को एयरपोर्ट रोड, पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर श्रद्धा-सुमन सेवा समिति द्वारा आयोजित तर्पण अनुष्ठान के दौरान 350 से अधिक साधकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर उपस्थित साधकों ने अपने घर के आसपास, अपने गली-मोहल्ले और शहर को साफ-सुथरा एवं स्वच्छ बनाए रखने की सामूहिक शपथ भी ली। पं. तिवारी ने कहा कि हंसदास मठ एक प्राचीन सिद्ध आश्रम है और नदी किनारे होने क साथ ही यहां भगवान श्री विष्णु, शालीग्राम, रणछोड़जी, पंचमुखी हनुमान, राधाकृष्ण, राम दरबार, शिव परिवार एवं मां अनपूर्णा के मंदिर भी मौजूद हैं। ऐसे पवित्र स्थान पर पितरों के लिए तर्पण करना एवं सफाई, स्वच्छता का संकल्प लेना अत्यंत पुण्यदायी कर्म होगा।
प्रारंभ में एयरपोर्ट रोड, पीलियाखाल स्थित हंसदास मठ के युवराज महामंडलेश्वर पं. पवनदास महाराज के आतिथ्य एवं हंस पीठाधीश्वर स्वामी रामचरण महाराज के सानिध्य में भागवताचार्य पं. पवन तिवारी के आचार्यत्व में भगवान हरि विष्णु के पूजन के साथ अनुष्ठान का शुभारंभ हुआ। समिति के अध्यक्ष हरि अग्रवाल, उपाध्यक्ष राजेन्द्र सोनी, महासचिव डॉ. चेतन सेठिया, राजेन्द्र गर्ग विनय जैन, जगमोहन वर्मा, मुरलीधर धामानी, शंकरलाल वर्मा, सूरजसिंह राठौर, डॉ. हरिनारायण विजयवर्गीय, आशीष जैन आदि ने पं. तिवारी का स्वागत किया। तर्पण के बाद निर्धनों, पशु-पक्षियों के लिए खीर प्रसाद एवं गोवंश के लिए हरे चारे की व्यवस्था भी यहां प्रतिदिन रखी गई है। सभी साधकों के लिए तर्पण सामग्री, थाली, कलश, दूध, दुर्वा, काली तिल, जौ, पुष्प एवं जनेऊ सहित सभी सामग्री समिति की ओर से निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है. संचालन राजेन्द्र सोनी एवं हरि अग्रवाल ने किया और आभार माना राजेंद्र गर्ग ने। तर्पण के दौरान दिवंगत पूर्वजों, स्वतंत्रता सेनानियों, देश के लिए शहीद हुए जवानों, इन्दौर रियासत के पूर्व होल्कर शासकों, देवी अहिल्याबाई तथा गौमाता के लिए भी मोक्ष की कामना के साथ विश्वशांति एवं जन मंगल के अनुष्ठान हुए। आरती में राजकुमारी मिश्रा, ज्योति शर्मा, विनिता शर्मा, मंजू तिवारी, गीता विजयवर्गीय सहित सैकड़ों साधकों ने भाग लिया।
:: 25 से पितृ मोक्षदायी भागवत ::
समिति के अध्यक्ष हरि अग्रवाल एवं उपाध्यक्ष राजेंद्र सोनी ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में प्रतिदिन सुबह 8 से 10 बजे तक आम श्रद्धालु यहां आकर निःशुल्क तर्पण कर सकेंगे। तर्पण मे प्रयुक्त सभी सामग्री की व्यवस्था समिति द्वारा की गई है। इस दौरान 25 सितम्बर से से 1 अक्टूबर तक पितृ मोक्षदायी भागवत कथा भी आचार्य पं. गौरव तिवारी के श्रीमुख से प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक होगी। जिन परिजनों को अपने पितरों के निधन की तिथि ज्ञात है, वे उस तिथि के दिन प्रातः 7.30 बजे तक घर से स्नान कर स्वच्छ सफेद कपड़े पहनकर हंसदास मठ पहुंच जाएं। जिन्हें अपने पितरों की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं है, वे सर्वपितृ अमावस्या पर शामिल हो सकते हैं।