कांग्रेस नेता थरुर ने पहले पूछे तीखे सवाल, फिर बोले यही तो लोकतंत्र की खूबसूरती है

नई दिल्ली । भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती के चर्चे पूरी दुनिया में सुनाई देते हैं। यहां के नेता आपस में खूब लड़ते हैं,विधानसभा में एक दूसरे के कपड़े फाड़ते नजर आते हैं लेकिन जब मामला किसी दूसरे देश का आता है तो सब मिलकर उसका मुकाबला करते हैं। यहीं भारत का मजबूत लोकतंत्र है। इसका एक उदाहरण हाल में दिखाई दिया। दरअसल, संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के सामने विदेश सचिव विक्रम मिस्री के मौजूद थे। संसद की इस स्थायी समिति के अध्यक्ष कांग्रेस नेता शशि थथूर है। शशि थरूर तिरुवनंतपुरम से सांसद और वह पूर्व विदेश राज्य मंत्री हैं। शशि थरूर अंतरराष्ट्रीय मामलों के बड़े जानकार माने जाते हैं। वह संयुक्त राष्ट्र में भी भारत के स्थायी प्रतिनिधि भी रह चुके हैं। एक बार उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद का चुनाव भी लड़ा था।
विदेश मामलों की स्थायी समिति ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष और अन्य वैश्विक मसलों को लेकर सरकार के रुख को जानने के लिए मिस्री को बुलाया था। इस मीटिंग में शशि थरूर और समिति के सदस्यों ने मिस्री से तीखे सवाल किए। मिस्री ने भी सभी सवालों के विस्तार से जवाब दिए।
मिस्री के साथ सवाल-जवाब के बाद शशि थरूर ने एक ट्विट किया है। उन्होंने लिखा कि मिस्री के साथ सवाल-जवाब का दौरा शानदार रहा। तमाम मुद्दों पर उन्होंने सरकार का पक्ष रहा। विदेश सचिव और भारतीय कूटनीति का धन्यवाद। विपक्ष के नेता होने के बावजूद शशि थरूर का देश के अधिकारियों की तारीख करना काफी सुखद है। यही अपने देश के लोकतंत्र की खूबसूरती है। यही खूबसूरती हमें पाकिस्तान, चीन और अन्य देशों से अलग करती है। दरअसल, यह भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है। यह संसदीय परंपरा की खूबसूरती है। तमाम मसलों पर लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों की समिति होती है। इस समितियों के पास बहुत शक्ति होती है। वे सरकार या देश के किसी भी अधिकारी या व्यक्ति को जवाब देने के लिए बुला सकती हैं। सरकार का यह दायित्व होता है कि इन समितियों को वह अपनी तमाम नीतियों की जानकारी दे। ये समितियां इन्हीं इनपुट्स के आधार समय-समय पर संसद को अपनी रिपोर्ट देती है। इन रिपोर्ट में वह विभिन्न मसलों पर सरकार को जरूरी कदम उठाने का भी सुझाव देती है।