अब रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी घर बैठे ही दे सकेंगे जीवित होने का प्रमाण-पत्र

एप लॉन्च, मोबाइल को चेहरे के सामने लाकर करना होगा स्कैन
नई दिल्ली । रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। अब पेंशन पाने वालों को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए हर साल बैंक या दफ्तर जाने की जरुरत नहीं होगी। रेलवे ने अपने रिटायर कर्मचारियों के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे जोन से इस सुविधा की शुरुआत की है, जिसे जल्द ही अन्य जोनों में भी लागू किया जाएगा।
रेल मंत्रालय ने कार्मिक लोकशिकायत और पेंशन मंत्रालय के सहयोग से इस नई सुविधा को लागू किया है। इसके तहत पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा नेशन वाईड डिजीटल लाइफ सर्टिफिकेट कैम्पेन 3.0 की शुरुआत की गई है। इस नई सुविधा से रेलवे पेंशनर्स अब हर साल जमा किए जाने वाले जीवन प्रमाण पत्र को घर बैठे ही जमा कर सकेंगे।
जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए एक एप लॉन्च किया गया है, जिसमें फेस ऑथेन्टिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक से पेंशन पाने वाले का चेहरा स्कैन कर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। एप में स्कैनर खुलने पर मोबाइल को चेहरे के सामने लाकर स्कैन करना होगा, जिससे प्रमाण पत्र तैयार हो जाएगा। रेल मंत्रालय के मुताबिक इस सुविधा से उत्तर पश्चिम रेलवे के करीब 50 हजार से ज्यादा पेंशनर्स, जिनकी पेंशन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के जरिए से दी जाती है, लाभान्वित होंगे।
यह अभियान देश के आठ सौ शहरों में चलाया जाएगा और सभी रेलवे जोन और मंडलों के बैंकों में इसे लागू किया जाएगा। इस नई तकनीक से खासतौर पर दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनर्स को बड़ी राहत मिलेगी। उन्हें बैंक या कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और वे बिना किसी परेशानी के अपनी पेंशन का नियमित भुगतान प्राप्त कर सकेंगे।