इन्दौर | संस्था मालव मंथन द्वारा महर्षि विद्या मंदिर में अक्षय नवमी पर आंवला वृक्ष के पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महर्षि विद्या मंदिर की प्राचार्या पायल अग्निहोत्री ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति में अक्षय नवमी पर्व अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण के महत्व को दर्शाता है। हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में पर्यावरण, स्वास्थ्य और सामूहिकता के भाव निहित हैं। कार्यक्रम में उपस्थित पर्यावरणविद स्वप्निल व्यास ने कहा कि समाजशास्त्री भी मानते हैं कि पर्यावरण स्वास्थ्य चेतना को धर्म संस्कृति के साथ जोड़ने से इन्हें सहजता से अपनाया जाता है। आंवला के वृक्ष के नीचे सहभोज और दान- पुण्य करने से सामाजिक सद्भाव बढ़ता है। आयुर्वेद में आंवला का सर्वाधिक महत्व है। कार्यक्रम में डा. नरेंद्र सिंह, प्रो. टीना परमार, प्रो. पुखराज गहलोत, मंजू नगनपुरे, नारायण त्रिपाठी, कविता कुमारी, उपवन यादव, नरेश प्रसाद दीक्षित सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।