झांसी । झांसी में महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज हादसे में मरने वाले नवजात शिशुओं की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। रविवार को गंभीर रूप से घायल एक बच्चे की मौत रविवार को हो गई। बता दें कि शुक्रवार देर रात यहां 10 बच्चों की मौत हो गई थी। बच्चों की मौत के बाद परिजनों में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शुक्रवार रात एनआईसीयू वार्ड में आग लगते ही मौके पर हड़कंप मच गया था। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन, बचाव टीम और दमकम विभाग की गाडियां मौके पर पहुंची थी। हालात इतने भीषण थे कि खिड़कियों की जालियां तोड़कर शिशुओं को बाहर निकाला गया। मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया कि जिस वार्ड में आग लगी थी वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया था। शुरुआती जांच में सामने आया है कि एसएनसीयू में उपकरणों के अत्यधिक लोड की वजह से शॉर्ट-सर्किट हुआ। इसके बाद चिंगारी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तक पहुंची। पुलिस आग लगने के अन्य पहलुओं को भी खंगालने में जुटी है। बता दें कि एसएनसीयू वार्ड में जन्म के तुंरत बाद पीलिया, निमोनिया के शिकार नवजातों को रखा जाता है। नवजात के तापमान को अनुकूल करने के लिए वार्मर भी लगाए गए हैं। यहां क्षमता से तीन गुना अधिक नवजात भर्ती किए गए थे। इस वजह से जीवनरक्षक उपकरणों को लगातार चलाए रखना पड़ रहा था। मॉनिटरिंग मशीन भी लगातार चलती रहती है। तीन-चार घंटे बाद लोड को कम करने के लिए इनमें से कुछ उपकरणों को बंद करना होता है।