मध्य प्रदेश में जनहित की सरकार है और जनता का हित सर्वोपरि : मंत्री विजयवर्गीय

:: यूनियन कार्बाइड कचरा निष्पादन के संबंध में बैठक सम्पन्न ::
इन्दौर । यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन के संबंध में चर्चा के लिये इन्दौर में आज एआईसीटीएसएल कार्यालय के सभाकक्ष में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री यादव के संदेश से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में जनहित की सरकार है और जनता का हित सर्वोपरि है। कचरा विनष्टीकरण की सम्पूर्ण कार्रवाई में जनता को कष्ट नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक नीना वर्मा, मधु वर्मा सहित राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनप्रतिधि, पर्यावरणविद, प्रबुद्ध नागरिक तथा मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधि, विशेषज्ञ तथा प्रबुद्ध नागरिक जो उनके मन में भ्रांतियां थी, उससे संबंधित प्रश्न उठाये गये। सभी प्रश्नों को दृष्टिगत रखते हुये राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा तथा पर्यावरण विशेषज्ञ द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदनों से संबंधित स्थिति से उपस्थित जनसामान्य को अवगत कराया गया। बैठक में बताया गया कि यूनियन कार्बाइड का कचरा भोपाल से पीथमपुर तक केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाईडलाइन के अनुरूप पैकिंग, लोडिंग तथा परिवहन कंटेनरों में लीक प्रूफ एवं फायर प्रूफ कंटेनरों में वैज्ञानिक पद्धति से लाया गया। बैठक में प्रश्न उठाये गये कि इस कचरे को जलाना ही क्यों आवश्यक है, क्या भष्मीकरण के दौरान इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जायेगी, कचरा का भश्मीकरण शीतकाल में ही क्यों किया जा रहा है, 2013 और 2015 में जब ट्रायलरन किया गया था तब क्या हानिकारक मेटल तथा डायक्सीन व फ्यूरॉन गैसों की मॉनिटरिंग की गयी थी तथा क्या टीएसडीएफ पीथमपुर इस तरह के कचरे को जलाने के लिये उपयुक्त है।
बैठक के दौरान उपस्थित अधिकारियों एवं विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार इस कचरे का निष्पादन पीथमपुर टी.एस.डी.एफ. में किया जा रहा है। यह भी बताया गया कि केन्द्र की एपेक्स संस्थान जैसे नीरी नागपुर, एनजीआरआई हैदराबाद, आईआईसीटी हैदराबाद तथा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुशंसाओं के अनुसार इसके भष्मीकरण का निर्णय माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा लिया गया। इस भष्मीकरण के दौरान भशमक से निकलने वाली गैसों की लगातार मॉनिटरिंग की जायेगी। इसके परिणाम जनसामान्य को सतत रूप से उपलब्ध कराये जायेंगे। जहां तक इस कचरे के शीतकाल में जलाने का प्रश्न है, उसके संदर्भ में बताया गया कि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि शीतकाल में कचरे के जलाने से प्रदूषण का प्रभाव ज्यादा होगा। बैठक के दौरान यह भी अवगत कराया गया कि वर्ष 2013 और 2015 में जो ट्रायल रन किये गये थे, उसमें निकलने वाली गैसों में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विधिवत सभी अनशंषित मेटल्स तथा डायोक्सीन तथा फ्यूरान की मॉनिटरिंग की गयी थी जो निर्धारित मानक सीमा में पायी गयी थी। बैठक में उपस्थित जनसामान्य को यह भी अवगत कराया गया कि पीथमपुर में स्थापित टीएसडीएफ इस प्रकार के अपशिष्टों अपवहन हेतु एक सक्षम संस्था है, जिस कारण यूनियन कार्बाइड के कचरे का अपवहन का निर्णय समस्त तकनीकी पहलूओं को जांच कर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिया गया है तथा यह अपवहन केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा निर्देशों के अनुरूप किया जायेगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि आम जन मानस के मन में जो भ्रांतियां हैं उन सभी बिन्दुओं पर आज चर्चा की गयी। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मंशा के अनुसार इस कचरे का निष्पादन वैज्ञानिक पद्धति एवं माननीय न्यायालय के निर्देशों के तहत आमजन की शंकाओं और भ्रांतियों को दूर करते हुये किया जायेगा और सभी क्षेत्रीय जनमानस के हितों का ध्यान रखा जायेगा।