:: नागा साधुओं सहित अनेक महामंडलेश्वरों ने की भागीदारी ; शिविर तक पहुंचने में 6 घंटे लग गए ::
प्रयागराज/इन्दौर । प्रयागराज महाकुंभ मेले की तैयारियां पूरी रफ्तार एवं जोश के साथ शुरू हो गई है। बुधवार को रामानंदी संप्रदाय के तीनों अखाड़ों के महामंडलेश्वरों ने सुबह प्रयागराज में पेशवाई के रूप में नगर प्रवेश किया तो संतों के दर्शनों के लिए सड़कों के दोनों ओर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।
इन्दौर के हंसदास मठ के अधिष्ठाता और इन्दौर-डाकोर खालसा के हंस पीठाधीश्वर महंत रामचरणदास महाराज एवं बारह भाई डांडिया के महामंडलेश्वर राधे-राधे बाबा भी इस पेशवाई में मंगल पीठाधीश्वर टीला द्वाराचार्य स्वामी माधवाचार्य महाराज के सानिध्य में बैंड-बाजों, हाथी-घोड़ों के लाव-लश्कर सहित शामिल हुए। खास बात यह थी कि पेशवाई में सबसे आगे हनुमानजी के निशान चल रहे थे, जो प्रत्यक्ष हनुमान के स्वरूप माने जाते हैं। रामानंदाचार्य सहित देशभर से आए साधु-संत, महामंडलेश्वर, संत-महंत एवं त्यागी इस पेशवाई में भागीदार बने। हंसदास मठ के पं. पवनदास महाराज भी पेशवाई में खुले वाहन पर महामंडलेश्वरजी के साथ शामिल थे।
पं. पवनदास महाराज ने बताया कि रामानंदी संप्रदाय के तीनों अखाड़ों, दिगम्बर अणि अखाड़ा, निर्वाणी अणि अखाड़ा एवं निर्मोही अखाड़ा से संबद्ध सभी संत, महामंडलेश्वर एवं नागा साधुओं ने भी आज नगर प्रवेश कर लिया है। पेशवाई की भव्यता-दिव्यता का आकलन इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि सुबह 11 बजे से घने कोहरे और शीत लहर के बीच प्रारंभ हुई पेशवाई को शिविर तक पहुंचने में छह घंटे का वक्त लगा। जगह-जगह सड़कों के दोनों ओर स्वागत-सत्कार का सिलसिला पूरे मार्ग में चलता रहा।