एक साल से मासूम अस्पताल में लड़ रही है जिंदगी के लिए जंग
कोलकाता । कोलकाता में पिछले साल एक 34 साल के युवक ने सात महीने की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। कोलकाता की पोक्सो कोर्ट ने उस युवक को फांसी की सजा सुनाई है। सरकारी वकील ने तर्क दिया कि यह अपराध दुर्लभतम श्रेणी में आता है। बैंकशाल कोर्ट ने आरोपी राजीव घोष को बुरटोला इलाके से बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या के प्रयास के लिए दोषी माना। दलीलें सुनने के बाद सजा का ऐलान किया गया। विशेष सरकारी वकील बिवास चटर्जी ने कहा कि कोर्ट ने सोमवार को आरोपी राजीव घोष को दोषी ठहराया था। मंगलवार को कोर्ट ने मामले को दुर्लभतम अपराध की श्रेणी में रखते हुए उसे मौत की सजा सुनाई है।
कोर्ट को बताया गया कि बच्ची अभी भी सरकारी अस्पताल के आईसीयू में मौत से लड़ रही है और उसकी चार सर्जरी हो चुकी हैं। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि बच्चे को गंभीर चोटें आई हैं, जिसके कारण उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि वह अभी भी अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है और अगर वह किसी तरह बच भी जाती है, तो संभावना नहीं है कि वह कभी सामान्य जीवन जी पाएगी।
बता दें उत्तरी कोलकाता के लोगों ने 1 दिसंबर, 2024 को बच्ची को खून से लथपथ और रोते हुए पाया था। पुलिस को सूचना दी गई और मेडिकल जांच में पता चला कि उसके साथ बलात्कार किया गया था। आरोपी ने 30 नवंबर और 1 दिसंबर की रात को उसे फुटपाथ से उठाकर बलात्कार किया था। वह अपने माता-पिता के साथ सो रही थी। बाद में उसने उसे नग्न अवस्था में एक मंदिर के पास फेंक दिया था। आरोपी को कोलकाता पुलिस ने 5 दिसंबर को झारग्राम जिले के गोपीबल्लवपुर इलाके में उसके घर से गिरफ्तार किया था।