जय शिवाजी-जय भवानी के उद्घोष से गूंजा आकाश –

:: रंगारंग आतिशबाजी के साथ शिवाजी महाराज की गौरव गाथा का हुआ नाट्य मंचन ::
:: पावड़े के माध्यम से अलग-अलग दृश्य हुए मंचित ::
:: हनुमंत ध्वज पृथक की टीम ने ढ़ोल की थाप पर शिवाजी महाराज का जयघोष किया ::
:: मातृशक्तियों ने 1001 दीपों से महाआरती की ::
:: शिवाजी वाटिका को रंगोली, फूलों व आकर्षक विद्युत-सज्जा कर सजाया ::

इन्दौर । शिवाजी महाराज की 395 वीं जन्म जयंती के अवसर पर एमवाय स्थित शिवाजी वाटिका शौर्य और उल्लास के भाव से धमक रही थी। शिवाजी महाराज के शौर्य, वीरता, साहस, पराक्रम और साम्राज्य की गाथा के साथ सनातन धर्म के ध्वज युवाओं में जोश भर रहे थे। जन्म जयंती पर युवाओं ने जहां जयघोष किया वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी हुई। जिसमें शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र पर आधारित मुख्य पलों को कलाकारों ने मंच पर अपने हुनर से साक्षात उतार दिया। मातृशक्तियों द्वारा 1001 दीपों से महाआरती कर आयोजन की शुरूआत हुई। रंगारंग आतिशबाजी के माध्यम से जहां जन्म जयंती महोत्सव का हर्षोउल्लास से स्वागत हुआ तो वहीं जैसे ही पावड़े प्रस्तुत करने के लिए कलाकार मंच पर उतरे तो माहौल में विभिन्न रंग नजर आने लगे।
श्रीमंत योगी छत्रपति शिवाजी महाराज विचार मंच इंदूर अध्यक्ष नीलम सतीश पंवार ने जानकारी देते हुए बताया कि शिवाजी महाराज ने हिंदू संस्कृति व सनातन धर्म की स्थापना के लिए न केवल अपने प्राण न्यौछावर कर दिए बल्कि युवाओं में सनातन की अलख भी जगा गए। आज वर्तमान में शिवाजी महाराज के विचार और उनका शौर्य देखकर युवा अपने धर्म के प्रति रूचि रख रहे हैं। इसी को बढ़ावा देने के लिए आज विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें कलाकार शिवाजी महाराज की गौरव गाथा व उनके इतिहास से युवाओं को परिचत करवाया। शिवाजी वाटिका पर कार्यक्रम की शुरूआत साधु-संतों के सान्निध्य में शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर की गई। इसके पश्चात अतिथियों ने शिवाजी महाराज के शौर्य, पराक्रम, साहस व इतिहास पर अपने विचार रखे। महोत्सव में मातृशक्तियों द्वारा 1001 दीपों से महाआरती की गई व हनुमंत ध्वज पृथक दल के 40 कलाकारों ने ढोल पर विभिन्न शौर्य गीतों की प्रस्तुतियां दी। शिवाजी वाटिका पर युवाओं द्वारा रंगारंग आतिशबाजी भी की गई। कार्यक्रम के दौरान जय शिवाजी-जय भवानी के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गुंज उठा। महोत्सव के दौरान समाज बंधुओं को इन्दौर शहर को यातायात में भी नबंर वन बनाने की शपथ भी दिलाई गई। जन्म जयंती कार्यक्रम में अण्णा महाराज, विवेक गुरूजी, आनंदगिरी महाराज, रामनाथ महाराज, नीतिन मतकर, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मैंदोला, गोलू शुक्ला, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, पार्षद सुनीता चोखंड़े, पूजा पाटीदार, करणी सेना प्रदेश अध्यक्ष अनुराग राघव, कमलसिंह जादौन, सहित बड़ी संख्या में मराठा समाजजन उपस्थित थे।
:: छत्रपति शिवाजी महाराज की गौरव गाथा नाटक व पावड़े के रूप में मंचित की ::
अध्यक्ष नीलम सतीश पंवार ने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म जयंती मराठा समाज ने त्यौहार स्वरूप मनाई। हिंदू स्वराज के संस्थापक शिवाजी महाराज के जीवन काल के महत्वपूर्ण दृश्य नाटकों के माध्यम से प्रस्तुत किए गए। पावड़ा डांस में शिवाजी महाराज की मुख्य भूमिका निभा रहे मयंक पाल ने खूब तालियां बटोरी। अफजल खान द्वारा शिवाजी को दी गई ललकार और धोखे की घटना का सचरित्र वर्णन रोल अदा कर रहे आनंद गुर्जर ने हुबहू मंच पर प्रस्तुत किया। शिवाजी महाराज की माता जीजाबाई का रोल मोनिका वादे ने अदा किया। जिसके बाद माहौल में मातृशक्तियों के मन में देश के प्रति समर्पण की भावना हिल्लोरे लेते नजर आई। इस नाटिका के कोरियोग्राफर नीरज वर्मा रहे। उन्होंने बताया कि इस नाटक का मुख्य उद्देश्य युवाओं को धर्म के प्रति जागरूक करना है। शिवाजी वाटिका पर वल्र्ड रिकार्ड होल्डर रंगोली आर्टिस्ट प्रार्ची शर्मा ने शिवाजी महाराज की भव्य रंगोली भी बनाई। जिसे समाज बंधु अपने मोबाइल के कैमरों में कैद करते हुए नजर आए।