:: कदम वाटिका शुख सागर कथा स्थल पर बेटियों की सुरक्षा पर खुलकर बोले गौ सेवक संत ::
इन्दौर । जिस प्रकार छाछ और दूध को अलग-अलग रखा जाता है। उसी प्रकार सांसारिक जीवन में वात्सल्य और वासना को भी अलग-अलग रखना चाहिए। यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि आज वासल्य और वासना टकरा रही है और इसी के फलस्वरूप आज छोटी-छोटी बेटियों के साथ दुराचार की घटनाएं बढ़ रही हैं। यह चिंता का विषय है। वासल्य और वासना एक ही चीज के लिए दो दृष्टि होती है। एक बच्चा जब माँ के आंचल में होता है तो वह वासल्य होता है और जब उसका पति उसके पास होता है तो वह वासना होती है। आजकल की आधुनिक जीवन शैली के कारण मर्यादा लुप्त होती जा रही है। यह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का देश है यहां मर्यादा का पालन जरूरी है। चाय और चरित्र के गिरने के बाद उसके दाग धब्बे मिटते नहीं हैं। आज के समय में जीवन में भावनाएं कुचला गई हैं।
उक्त विचार मंगलवार को गोम्मटगिरी जम्बर्डी हप्सी स्थित गोवर्धन गौशाला की कदम वाटिका में शुख सागर स्थल पर आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के पांचवे दिन मालव माटी व गौ सेवक संत पं. कमल किशोर नागर ने नन्दोत्सव, पूतना वध व गोवर्धन पूजा का वृतांत विस्तार पूर्वक सुनाया। उन्होंने मालवी भाषा शैली में कथा का वर्णन करते हुए कहा कि आज बेटियों को अपनी सुरक्षा ऐसे करनी चाहिए जैसे मधुमक्खी शहद की रक्षा करती है। हम आलू प्याज़ व लहसुन खऱाब ना हो जाए इसलिए उन्हें स्टोरेज में रखते लेकिन लहसुन की चिंता में अपने लक्षण की सुरक्षा करना भूलते जा रहे हैं। मंगलवार को कथा में वात्सल्य और वासना शब्द पर विस्तार से समझाया।
गौवर्धन गौशाला सेवकों व श्रीमद् भागवत कथा रसपान महोत्सव समिति अयोजक कैलाश मिश्रा, जगदीश मिश्रा एवं राजेश मिश्रा ने बताया कि मंगलवार को मालवा-निमाड़ के अनेक गुरू भक्त बड़ी संख्या में कथा स्थल पहुंचे। गौ सेवक भक्तों ने कथा श्रवण करने के साथ ही सेवा कार्य भी किए। कदम वाटिका में जहां एक ओर भक्त भागवत कथा का श्रवण कर रहे हैं तो वहीं दुसरी तरफ मेला भी लगा है। जहां छोटे बच्चे झूलों का आनंद भी ले रहे हैं। यातायात व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए युवाओं की अलग-अलग टीम बनाई गई हैं। सरदारसिंह सोलंकी, सोनू मिश्रा, योगेश मिश्रा, विनोद सोलंकी, राधेश्याम पटेल एवं संतोष नीमचा ने बताया कि बताया कि मंगलवार को व्यासपीठ का पूजन मिश्रा परिवार के साथ ही जिला अध्यक्ष श्रवणसिंह चावड़ा, मोतीसिंह पटेल, रामस्वरूप गेहलोत, दिनेश गोयल ने किया। विनोद सोलंकी ने बताया कि भागवत कथा गुरूवार 6 मार्च तक दोपहर 12 से 3 बजे तक आयोजित होगी। कथा में प्रतिदिन प्रसंगानुसार कलाकारों द्वारा चरित्र-चित्रण की प्रस्तुतियां भी दी जा रही है।