रेलवे संशोधन बिल पास, अब जीएम को मिला एक हजार करोड़ के प्रोजेक्‍ट स्‍वीकृत करने का अधिकार

नई दिल्‍ली । रेलवे संशोधन अधिनियम 2025 बिल पास हो गया है। यह बिल यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने में मददगार होगा। वहीं, हादसों को रोकने के लिए कचव 4.0 तकनीक के इस्‍तेमाल का काम तेजी से किया जा सकेगा। नई रेल लाइन बिछाने, स्‍टेशनों पर रिडेवलमेंट का काम कराने और यात्रियों के सुविधाजनक सफर के लिए नई नई तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा देने वाला है।
रेलवे बोर्ड के एग्‍जक्‍यूटिव डायरेक्‍टर के मुताबिक राज्यसभा में पास रेलवे (संशोधन) विधेयक 2025 से जोनों की ताकत बढ़ेगी। जोन के जीएम को एक हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्‍ट स्‍वीकृत करने का अधिकार दिया है यानी स्‍टेशनों में यात्रियों की सुविधा से लेकर सुरक्षा तक के काम को जीएम खुद करा सकेंगे। अभी तक रेलवे बोर्ड की स्‍वीकृति लेनी पड़ती थी। इतना ही नहीं नई रेल लाइन से जुड़े कामों को जीएम करा सकेंगे। पहले ये काम बोर्ड की अनुमति से किए जाते थे, जिसमें समय लगता था। हादसों को रोकने के लिए कवच 4.0 तकनीक को स्‍वीकृति प्रदान की गई है। इसका 10000 किमी. का टेंडर जारी कर दिया गया है, जिसका लक्ष्‍य पांच साल रखा है। नए विधेयक के पारित होने के बाद यह काम भी समय से पूरा किया जा सकेगा।
अभी तक रेलवे बोर्ड की देखरेख में रेलवे अपने जोन, डिवीजन और प्रोडक्‍शन यूनिट के जरिए से काम करता है। अब रेलवे संशोधन बिल पुराने प्रावधानों की जगह लेगा। अब रेलवे बोर्ड के प्रावधान रेलवे अधिनियम, 1989 में शामिल किए हैं। नए अधिनियम बिल से दो अधिनियमों का संदर्भ कम हो जाएगा। अब केवल एक अधिनियम का संदर्भ देने की जरुरत होगी। रेलवे बोर्ड, जोन, डिवीजन, प्रोडक्‍शन यूनिटों के अधिकार, दायरा और कार्यप्रणाली वही रहेगी।
इसके साथ ही स्थायी समिति ने लोकसभा में अपनी दूसरी रिपोर्ट पेश की। इसमें अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1,337 स्टेशनों के रिडेवलमेंट के काम में तेजी लाने को कहा गया है। समिति का मानना है कि अमृत भारत स्टेशन योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें और ज्यादा स्टेशनों को खासतौर पर पिछड़े और ग्रामीण इलाकों के शामिल किया जाना चाहिए। समिति ने रेल मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह स्टेशनों के रिडेवलपमेंट के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल को सक्रिय रूप से तलाशें और प्रोत्साहित करें, ताकि बजटीय सहायता पर निर्भरता कम हो सके।