इन्दौर । वर्ल्ड पर्पल डे के उपलक्ष्य में बुधवार को मिर्गी रोग के प्रति जागरुकता के उद्देश्य से इन्दौर मिर्गी रोग विशेषज्ञ एसो. समिति के तत्वावधान में रीगल चौराहा से जाल सभागृह तक साइलेंट वाकेथॉन (रैली) का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के लगभग सभी प्रमुख न्यूरोलॉजी चिकित्सकों, लायंस क्लब के सदस्यों एवं न्यूरो क्लब, विक्रांत यूनिवर्सिटी, अरविंदो मेडिकल कालेज के नर्सिंग छात्रों सेम्स तथा इन्दौर मैनेजमेंट एवं अपोलो अस्पताल के स्टाफ ने भी उत्साह के साथ भाग लिया। इस उपलक्ष्य में एपीलैप्सी जागरुकता के प्रतीक पर्पल (बैंगनी) रंग के हीलियम गैस से भरे गुब्बारे भी उड़ाए गए।
इन्दौर मिर्गी रोग विशेषज्ञ एसो. समिति के तत्वावधान में आयोजित इस वाकेथान में कई समूहों ने मिर्गी से जुड़े भ्रामक बिन्दुओं के प्रति जागरुकता फैलानेके उद्देश्य से हाथों में पोस्टर और तख्तियां लेकर पर्पल वेशभूषा में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। वाकेथान के जाल सभागृह में समापन के बाद सभी सदस्य गीता भवन मंदिर पहुंचे, जहां गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन एवं मंत्री राम विलास राठी ने पर्पल केक काटकर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। समिति के अध्यक्ष डॉ. वी.जी. डाकवाले, सचिव डॉ. श्रीमती वी. वी नाडकर्णी, डॉ. अनघा भागवत, डॉ. जे.एस. कटपाल ने इस अवसर पर मिर्गी से जुड़ी भ्रांतियों का निवारण भी किया और कहा कि मिर्गी के 70 प्रतिशत मरीजों में लगातार उपचार से मिर्गी के दौरों को नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ मरीजों को सर्जरी की जरूरत होती है, जो अब इन्दौर में उपलब्ध है। डॉ. नाडकर्णी ने महिलाओं में मिर्गी से संबंधित विषय पर समस्याओं और समाधान पर जानकारियां दी। डॉ. कटपाल ने इस बात पर जोर दिया कि मिर्गी का उपचार महंगा होने से अनेक मरीज इसका लाभ नहीं ले पाते। हालांकि गीता भवन ट्रस्ट पिछले तीस वर्षों से मिर्गी के मरीजों के लिए दवाओं और जांचों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है, जो स्वागत योग्य कदम है।
कार्यक्रम का समापन मिर्गी मरीजों के लिए चिकित्सा शिविर के साथ हुआ, जिसमें नीलम रानाडे और डॉ. कुरेचिया ने मरीजों से बातचीत कर उनकी जांच भी की और उन्हें आवश्यक दवाईयों का वितरण भी किया।