:: मठ स्थित चमत्कारिक पंचमुखी हनुमानजी के गर्भगृह में 25 किलो चांदी की दमक के बीच होगी महाआरती ::
इन्दौर । एयरपोर्ट रोड, पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर हनुमान प्राकट्य दिवस पर दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन होगा। इसका शुभारंभ शुक्रवार को सुबह हंस पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्रीमहंत स्वामी रामचरणदास महाराज के सान्निध्य में अखंड रामायण पाठ के साथ हुआ, जिसकी पूर्णाहुति शनिवार को सुबह होगी। आज शाम मठ स्थित पंचमुखी हनुमानजी के विग्रह का अभिषेक किया गया। पंचमुखी हनुमानजी को हाल ही सवा किलो से अधिक चांदी के गहनों से अलंकृत किया गया है। करीब 25 किलो चांदी से हनुमानजी का समूचा गर्भगृह दमक रहा है। मठ पर लक्ष्मीनारायण महायज्ञ एवं हनुमान कथा का दिव्य अनुष्ठान भी जारी है।
मठ के महामंडलेश्वर पं. पवनदास महाराज ने बताया कि शनिवार को सुबह 6 बजे से हनुमानजी का प्राकट्य महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दौरान सुबह 6.30 बजे महाआरती एवं भव्य चोला दर्शन के कार्यक्रम होंगे। पूर्णाहुति हवन सुबह 10 बजे होगा। शाम 7 बजे श्रृंगार दर्शन एवं महाआरती के बाद 56 भोग समर्पित होंगे। शाम 7 से रात 10 बजे तक भक्तों को पंचमुखी हनुमानजी की साक्षी में अभिमंत्रित रक्षा कवच (ताबीज) का वितरण भी किया जाएगा। महोत्सव के दौरान पंचमुखी चिंताहरण हनुमानजी का मनोहारी श्रृंगार किया गया है। मठ पर गत 7 अप्रैल से चल रहे लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में प्रतिदिन यजमान युगलों द्वारा गोपाल सहस्त्रनाम एवं श्रीपुरुष सूक्त से विश्व शांति एवं जन कल्याण के उद्देश्य से आहुतियां समर्पित की जा रही है। शुक्रवार को महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज के सानिध्य में लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में शामिल यजमानों और विद्वानों ने आहुतियां समर्पित कर विश्व शांति एवं जन कल्याण के लिए प्रार्थना की।
इसी तरह प्रतिदिन संध्या को 4 से 7 बजे तक आचार्य पं. विवेक शास्त्री के श्रीमुख से हनुमान कथा का आयोजन भी जारी है। महायज्ञ एवं कथा की पूर्णाहुति सांय 5 बजे हनुमान जयंती पर होगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में पंचमुख हनुमानजी को सवा 13 सौ ग्राम चांदी से अलंकृत किया गया है। इस चांदी से हनुमानजी की भुजाओं के साथ ही गरूड़जी को भी सर्पाकार मुकूट से श्रृंगारित किया गया है। इस तरह हनुमानजी का समूचा गर्भगृह करीब 25 किलो चांदी से दमक रहा है। इस बार हनुमान प्राकट्य महोत्सव इसी गर्भगृह में धूमधाम से मनाया जाएगा। समूचे मठ परिसर को आकर्षणक विद्युत एवं पुष्प सज्जा से श्रृंगारित किया गया है, जिसे निहारने के लिए प्रतिदिन संध्या को श्रद्धालु उमड़ रहे हैं।