डाक्टर से सवा तीन करोड़ ठगे , नंबर वन शहर के वेलएजुकेट लालचियों के कारण इन्दौर बना साइबर ठगोरो का साफ्ट टारगेट

इन्दौर | शहर के इन तथाकथित पढ़ें लिखे वेल – एजुकेटेड और सक्सेस प्रोफेशनल लोगों के लालच और लापरवाही के चलते देश दुनिया में स्वच्छता और अपनी अनूठी खूबियों के चलते नंबर वन शहर के रूप में पहचान बना चुका शहर इन्दौर साइबर ठगोरों की साफ्ट टारगेट लिस्ट में नंबर वन बन चुका है। कभी कोई साफ्टवेयर इंजीनियर तो कभी एमबीए, कभी प्रोफेसर तो कभी साइंटिस्ट, कभी इन्वेस्टमेंट एडवाइजर तो कभी किसी कंपनी की डाइरेक्टर लगातार अपने लालच और लापरवाही से आसानी से इनका शिकार बन रहे जबकि इन्दौर पुलिस और उसकी साइबर सेल लगातार जागरूकता अभियान चला एडवाइजरी पर एडवायजरी जारी कर रही है परन्तु ये लालची लापरवाह पढ़ें लिखे समझ नहीं रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में एक डाक्टर को इन साइबर ठगोरे ने अपना साफ्ट टारगेट बना उससे करीब तीन करोड़ रुपए ठग लिए। पढ़ें लिखे डाक्टर ने ठगी की राशि ठगोरो द्वारा बताएं अलग-अलग म्यूट खातों में जमा करवाई है। शहर में करोड़ों रुपयों की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। और फिर ठगाए जाने का पता चलने पर अपराध शाखा में शिकायत दर्ज करने पहुंचे। पुलिस ने बताया कि रुद्र कुमार गुप्ता निवासी विजयनगर स्कीम नं. 54 द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार 5 सितंबर 2024 को टेलीग्राम एप पर प्रीति नामक एक महिला ने उनसे सम्पर्क कर उन्हें शेयर बाजार में निवेश और मुनाफे के बारे में बताया डा. रुद्र पता नहीं क्यों उसकी बातों में आसानी से आ गए। बस फिर क्या था प्रीति ने झांसें में आएं डाक्टर को डव्ब्ल्यू.एक्सटीबीग्लोबीएलएलटीडी. काम जैसी किसी वेब साइट की लिंक भेजी और रजिस्ट्रेशन करने की सलाह दी। डा. रुद्र ने 12 सितंबर को अपने तो अपने.. अपनी मां के नाम से भी एक रजिस्ट्रेशन कर लिया। इसके बाद प्रीति नामक उस अज्ञात महिला ने लालची डाक्टर को डायरेक्टर ग्रुप में भी शामिल कर कस्टमर कोड नंबर और आइडी आवंटित कर दी। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार डाक्टर ने पहले ट्रांजेक्शन में 10 हजार रुपये के बदले 10 हजार 535 रुपये निकाले। इससे डाक्टर रूद्र का लालच और विश्वास बढ़ गया और उसने आरोपितों के बताए अनुसार ज्यादा कमाई करने के लालच में धीरे-धीरे तीन करोड़ 23 लाख 38 हजार रुपये जमा कर दिए। उसके बाद जब डाक्टर ने एक करोड़ रुपये निकालने का प्रयास किया तो उस अज्ञात महिला प्रीति और कस्टमर केयर द्वारा गेन टैक्स, करंसी एक्सचेंज, आयकर टैक्स मांगा गया। शक होने पर डाक्टर ने अपराध शाखा के डीसीपी राजेश कुमार त्रिपाठी व एडीसीपी राजेश दंडोतिया को शिकायत की। जिस पर उन्होंने एसआइ सीटू जरिया को जांच के निर्देश दिए उनकी जांच में डाक्टर द्वारा जमा करने वाले रूपये के विभिन्न राज्यों के म्यूल खातों की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपितों पर केस दर्ज किया। यहां यह भी बता दें कि इन साइबर ठगोरो ने इन्दौर के इस पढ़ें लिखे डाक्टर का एप पर बकायदा पोर्टफोलियो बनाया था। उसमें स्टाक मार्केट की तरह उतार-चढ़ाव भी दिखाई देते थे और उस पोर्टफोलियो के जरिए ये ठगोरे डाक्टर को करोड़ों रुपये का मुनाफा दिखा रहे थे और वह लालच में आकर इन्वेस्टमेंट करता ही जा रहा था। और अब करीब सवा तीन करोड़ ठगाने के बाद पुलिस में शिकायत लेकर पहुंचा है। फिलहाल पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच कार्रवाई शुरू कर दी है।