700 सीसीटीवी से यात्रियों के चेहरे की होगी पहचान
नई दिल्ली । पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर समेत देश की अधिकांश सीमाओं की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसी कड़ी में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आध्यात्मिक विकास बोर्ड, कटरा में एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) का संचालन शुरू किया है। इस सुविधा के तहत 700 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों से यात्रियों के चेहरे की पहचान (फेस रिकग्निशन) और पीटीजेड (पैन-टिल्ट-जूम) जैसी तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा।
इस विशेष सुरक्षा प्रणाली के तहत श्राइन क्षेत्र में वास्तविक समय की निगरानी और उसके बाद तुरंत उसकी प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग और उधमपुर-रियासी रेंज की डीआईजी सारा रिजवी ने इस नए सुरक्षा सिस्टम आईसीसीसी का निरीक्षण किया। इस मौके पर बोर्ड के कई और अधिकारी भी मौजूद थे। सेना व खुफिया एजेंसियों के प्रतिनिधि, स्थानीय प्रशासन की उपस्थिति में संयुक्त सुरक्षा उपायों को लेकर चर्चा के हुई। मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया।
पिू और घोड़े वालों को जारी किया जाएगा नया कार्ड श्राइन बोर्ड और सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त टीम एंट्री गेट पर श्रद्धालुओं की आवाजाही सहित सभी मुख्य बातों की निगरानी करेगी रीयल टाइम के तहत की जाएगी। इसके तहत यात्रा के दौरान घोड़े और पिू वालों को नए यूएचएफ कार्ड जारी किया जाएगा। इसके साथ ही नकली पहचान रोकने के लिए रीडर लगाए जाएंगे। ड्रोन, एक्स-रे बैगेज स्कैनर मेटल डिटेक्टर और अंडर-व्हीकल स्कैनर जैसी उपकरणों का इस्तेमाल प्रभारी रूप में किया जाएगा। सुरक्षा बलों का काम तीर्थ क्षेत्र में गैर-कानूनी एंट्री गेट को बंद किया जाएगा। इसके साथ ही ट्रैक के किनारे चलने वाली निजी दुकानों को सुरक्षा एजेंसियों के लिए आसानी से पहचानने योग्य बनाया जाएगा। वहीं पूरे तीर्थ जोन में आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए हॉटलाइन को और तेज की जाएगी। इसके साथ ही मंदिर व उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा बलों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जाएगी। इसके साथ-साथ कटरा के इलाकों में भीख मांगने वालों पर भी सख्त रोक लगाने की बात की गई है। बैठक में इस बात का निर्देश दिया गया है कि भिक्षावृत्ति से श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। ऐसे में नाबालिगों को बाल गृहों में भेजकर उनका पुनर्वास कराया जाएगा, जिससे की श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित माहौल में हो सके।