पीएम मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक
अहमदाबाद | मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में साफ तौर पर कहा कि ‘विकसित भारत@2047’ राष्ट्र का सामूहिक संकल्प है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में इस संकल्प को साकार करने में प्रत्येक राज्य की अर्थपूर्ण और रणनीतिक भूमिका अनिवार्य है। हर राज्य, हर शहर, हर गांव और समाज विकसित बने, यही विकसित भारत के संकल्प का मूल भाव है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राज्य के मुख्यमंत्रियों ने ‘विकसित भारत@2047’ विजन के लिए अपने-अपने राज्यों की तैयारी और आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और देश की सेना को बधाई दी। उन्होंने बैठक में विस्तार से बताया कि कैसे गुजरात ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में विशिष्ट विकास विजन के साथ तैयार किए गए ‘विकसित गुजरात@2047’ के रोडमैप को क्रियान्वित करने के लिए सुनिश्चित आयोजन किया है। भूपेंद्र पटेल ने कहा कि ‘विकसित भारत@2047’ के लिए विकसित राज्य का रोडमैप तैयार करने वाले अग्रणी राज्यों में से एक राज्य गुजरात भी है। इस रोडमैप के तहत गुजरात ने राज्य के सभी लोगों के लिए ‘अर्निंग वेल’ और ‘लिविंग वेल’ का विजन रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विजन को संस्थागत स्वरूप देने के लिए गुजरात ने नीति आयोग की तर्ज पर गुजरात राज्य इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (जीआरआईटी-ग्रिट) की स्थापना की है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘ग्रिट’ समावेशी विकास उन्मुख लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भूपेंद्र पटेल ने बताया कि ‘विकसित गुजरात@2047’ को धरातल पर उतारने के फ्रेमवर्क यानी ढांचे को दो आयामों में अपनाने की रणनीति बनाई गई है। इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि ‘डेवलपमेंट ऑफ इम्प्लिमेंटेशन रोडमैप’ (कार्यान्वयन रोडमैप का विकास) के अंतर्गत जल संसाधन, कृषि, ऊर्जा, खेल, स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में प्रभावी रणनीति विकसित करने के साथ ही योजनाओं के सुदृढ़ क्रियान्वयन पर फोकस किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दूसरे आयाम के अंतर्गत नीति आयोग के मार्गदर्शन में ‘रीजनल इकोनॉमिक मास्टर प्लान’ दृष्टिकोण अपनाते हुए सूरत इकोनॉमिक रीजन डेवलपमेंट मास्टर प्लान लागू किया है। इसी पैटर्न पर राज्य में अन्य पांच क्षेत्रों के लिए भी रीजनल इकोनॉमिक मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में विकसित गुजरात फंड का भी प्रावधान किया गया है और केवल योजना ही नहीं, बल्कि निगरानी तंत्र भी बनाया गया है। इस उद्देश्य से सस्टेनेबिलिटी और डेटा-संचालित निर्णय प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल डैशबोर्ड और 500 से अधिक ‘की परफॉर्मेंस इंडिकेटर’ (केपीआई) निर्धारित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बताया कि गुजरात ने नए उभरते क्षेत्रों में निवेश और रोजगार अवसरों के निर्माण के लिए भी नीतियां बनाई हैं और नीति-संचालित राज्य के रूप में गुजरात की प्रतिष्ठा को एक नई ऊंचाई दी है। मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी, स्पेस टेक पॉलिसी और सेमीकंडक्टर पॉलिसी जैसी सेक्टर-स्पेसिफिक पॉलिसियां तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) विजन को आगे बढ़ाते हुए गिफ्ट सिटी में एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस संचालित किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात ने पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप ग्रीन ग्रोथ और रिन्यूएबल एनर्जी को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत राज्य में 3.36 लाख सोलर रूफटॉप स्थापित किए गए हैं। इतना ही नहीं, इस योजना में गुजरात देश में 34 फीसदी हिस्सेदारी के साथ शीर्ष स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में गुजरात ने एक पारदर्शी और उत्तरदायी सुशासन मॉडल विकसित किया है। गुजरात का यह मॉडल ‘होल ऑफ गवर्नमेंट-होल ऑफ सोसायटी’ यानी ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार और समाज के लिए सामूहिक ज्ञान, संसाधनों और कुशलता का उपयोग कर और अधिक प्रभावी एवं टिकाऊ परिणामों के माध्यम से ‘विकसित भारत@2047’ के लिए ‘विकसित गुजरात@2047’ की संकल्पना को चरितार्थ करने में यह दृष्टिकोण महत्वपूर्ण साबित होगा।