फिर से  रचे जाने लगे षंडयत्र

फिर से रचे जाने लगे षड्यंत्र

धर्म के नाम पर…

जाति के नाम पर…

भाषा के नाम पर…

उगले जाने लगे नारे…

फैलाई जाने लगी नफरत …

चुनाव जीतने के लिए

हमारे नेता

दफन हो गये  मुद्दो को

फिर से जगाने लगे…!

प्रश्न यह है…

क्या मुफ्त में अनाज बांट कर

भूख की समस्या खत्म हो गई… ?

क्या बड़े बड़े माल खुलने से..

और ऑन लाइन… की खरीद… से

आम दुकानदारो के व्यवसायें में आई मंदी की

समस्या खत्म हो गई..?

क्य मंहगी हो रही शिक्षा के कारण

कर्ज में डूबते परिवारों की

समस्या खत्म हो गई…?

क्या शिक्षित हो गये युवा वर्ग की

बेकारी से लडने की

समस्या खत्म हो गई…?

क्या मंहगे इलाज के कारण

बिना इलाज के मर जाने वाले लोगो की

समस्या खत्म हो गई…?

मुद्दे यह क्यों नही बनते..

जाति के नाम पर  फीस में अन्तर

क्यों है…?

नौकरी के लिए आवेदन में

लिए जाने वाले शुल्क में…

अन्तर क्यों है….

गरीबी का मुल्यांकन

जातियों के नाम से क्यो होता है..???

प्रश्न बहुत है

पर सत्ता के भूखे भेडिये

इस का उत्तर नहीं देना चाहते।

प्रश्न यह भी है. .

आजादी के इतने वर्षों के पश्चात भी

भूल चुकी अपनी  जातियों को

नई पीढ़ियों के भीतर

फिर से

छोटी जाति / बड़ी जाति

का अहसास करवाने वाली चाल

क्यों चली जा रही है…??

जाति को भूल कर

शादी में बंधे परिवारों में

फिर से जाति का अहसास

करवा कर नफरत फैलाने की चाल

क्यों चली जा रही है

देश एक है

देश में रहने वाले लोग भी एक है

सबकी जरूरतें भी एक है

सभी के लिए

कानून भी एक ही होना चाहिए

सभी के लिए

अधिकार भी एक सा होना चाहिए

सभी के साथ

व्यवहार भी एक सा  होना चाहिए …

नहीं चाहिए  वह राजनीति और राजनितिज्ञ

जो जातियों के नाम पर…

प्रान्तों के नाम पर

भाषा के नाम पर…

विभाजन की राजनीति का खेल खेले…

सब को शिक्षा का ‌…

आजादी से जीने का

नौकरी के लिए सघर्ष का

बीमारी से लड़ने के लिए इलाज का…

भूख से लड़ने के लिए अनाज का…

रहने के लिए घर का…

एक जैसा अधिकार होना चाहिए… !!

आरक्षण… सुविधा…. सरकारी  मदद…

का अधिकार

गरीबी को मिलना चाहिए

जाति के नाम पर नहीं…।

भारत में रहने वाले की

एक ही जाति होनी चाहिए

वह जाति भारतीय हैं।

जनगणना

जाति की नही

गरीब और अमीर की हौनी चाहिए

जनगणना

जिन के घर है  और जिन के घर नहीं है

उनकी होनी चाहिए

जनगणना

बेरोजगार और रोजगार

के लिए होनी चाहिए

जनगणना

बीमार और स्वास्थ्य लोगों की

होनी चाहिए

जनगणना

आबादी के अनुपात में

स्कूल/कालेज/हस्पताल

होने की होनी चाहिए

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रमेश कुमार संतोष

मौ. 9876750370