त्रिवेंद्रम । केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) के वरिष्ठ नेता वीएस अच्युतानंदन का 101 वर्ष की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने त्रिवेंद्रम के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। 23 जून को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वीएस अच्युतानंदन न केवल एक राजनीतिक जगत के दिग्गजों में शुमार थे, बल्कि वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रहे। साल 1946 में पुन्नपरा-वायलार विद्रोह में भाग लेने के कारण उन्हें पांच साल की जेल भी हुई थी। जेल से छूटने के बाद वह कई वर्षों तक भूमिगत रहे। उनका पूरा नाम वेलिक्ककथु शंकरन अच्युतानंदन था। उन्होंने ताड़ी निकालने वाले मजदूरों और किसानों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष किया। ट्रेड यूनियन आंदोलन के जरिए उन्होंने राजनीति में कदम रखा और वर्ष 1964 में सीपीआई से अलग होकर बने सीपीआई(एम) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अच्युतानंदन ने अपने राजनीतिक जीवन में 10 चुनाव लड़े और 7 बार जीत हासिल की। वे 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री रहे और 15 वर्षों तक विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर भी कार्यरत रहे। वे 1985 से 2009 तक पार्टी की पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे।
सादगीपूर्ण जीवन और बेदाग छवि के लिए मशहूर अच्युतानंदन को जनहित में मुखर आवाज के रूप में जाना जाता था। उनका निधन न केवल केरल बल्कि पूरे देश की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है।