फूलों से समृद्ध हो रहा मध्यप्रदेश, पुष्प उत्पादन में देश में तीसरा स्थान हासिल –

:: अब सिरमौर बनने की तैयारी!
इंदौर । मध्य प्रदेश ने पुष्प उत्पादन में देश में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना ली है और अब यह देश में तीसरे स्थान पर पहुँच गया है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि प्रदेश के किसानों की कड़ी मेहनत और सरकारी नीतियों का सुखद परिणाम है। प्रदेश में कुल 27.71 लाख हेक्टेयर उद्यानिकी क्षेत्र में से 42,978 हेक्टेयर में फूलों की खेती हो रही है। वर्ष 2024-25 में किसानों ने 5 लाख 12 हजार 914 टन फूलों का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। यह स्पष्ट संकेत है कि वह दिन दूर नहीं जब मध्य प्रदेश फूलों के उत्पादन में देश का सिरमौर बनेगा।
इस अभूतपूर्व प्रगति की मुख्य वजह है किसानों का फूलों की खेती के प्रति बढ़ता रुझान। पिछले चार सालों में, फूलों का रकबा 37,647 हेक्टेयर (2021-22) से बढ़कर 42,976 हेक्टेयर (2024-25) हो गया है, जिससे उत्पादन में 86,294 टन की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की आय दोगुनी करने और खेती को मुनाफे का सौदा बनाने के लिए उन्हें लगातार कैश-क्रॉप की ओर प्रेरित कर रही हैं। अब तो छोटी जोत वाले किसान भी, जिनके पास एक से तीन एकड़ तक कृषि भूमि है, फूलों का उत्पादन कर बंपर मुनाफा कमा रहे हैं।
:: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी म.प्र. के फूलों की मांग ::
मध्य प्रदेश में उत्पादित फूलों की मांग न सिर्फ देश के महानगरों में, बल्कि विदेशों में भी बढ़ी है। गुना जिले के गुलाब अब जयपुर, दिल्ली और मुंबई के बाद पेरिस और लंदन तक पहुँच रहे हैं। राजधानी भोपाल की श्रीमती लक्ष्मीबाई कुशवाह जैसी सफल किसान धान-गेहूं की पारंपरिक खेती छोड़कर गुलाब, जरबेरा और गेंदा का उत्पादन कर हर महीने तीन से चार लाख रुपये कमा रही हैं।
प्रदेश में मुख्य रूप से गेंदा (24,214 हेक्टेयर), गुलाब और सेवंती जैसे फूलों का उत्पादन होता है। फूलों की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 15.01 मीट्रिक टन है, जिसे फूलों की खेती के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह उच्च उत्पादकता प्रदेश की अनुकूल जलवायु, मिट्टी, सिंचाई सुविधाओं और शासकीय सहयोग का परिणाम है।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग फूलों के उत्पादन से लेकर गुणवत्ता सुधार और मार्केटिंग पर लगातार काम कर रहा है। वर्ष 2024-25 में फूलों का रकबा 5329 हेक्टेयर बढ़ा है। इसी कड़ी में, केंद्र सरकार के सहयोग से ग्वालियर जिले में 13 करोड़ रुपये की लागत से एक हाईटेक फ्लोरी कल्चर नर्सरी विकसित की जा रही है, जो भविष्य में मध्य प्रदेश में पुष्प उत्पादन के लिए मील का पत्थर साबित होगी।