:: नरसिंह वाटिका पर जैनाचार्य की निश्रा में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के प्रपौत्र अमित आजाद का ओजस्वी उद्बोधन ::
इंदौर । अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के प्रपौत्र अमित आजाद ने स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में इंदौर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में युवाओं को राष्ट्रभक्ति का मंत्र दिया। एयरपोर्ट रोड स्थित नरसिंह वाटिका में अर्बुद गिरिराज जैन श्वेताम्बर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट और जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ के तत्वावधान में आयोजित ‘गाथा वीर सैनिकों की’ नामक इस कार्यक्रम में बीएसएफ के जवान, पूर्व सैनिक, जैनाचार्य, और हजारों राष्ट्रभक्त मौजूद रहे।
अपने ओजस्वी संबोधन में अमित आजाद ने कहा कि राष्ट्र से बड़ा और कुछ नहीं हो सकता। मां भारती हम सबकी मां है। जिस जवानी का खून देश के काम न आए, वह जवानी बेकार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश को यह आजादी संपन्नता से नहीं, बल्कि त्याग और संसाधनों से मिली है। उन्होंने शक्तिशाली बाज और कबूतरों के माध्यम से एक प्रेरक उदाहरण देते हुए कहा कि बाज यदि चार दिन आसमान नहीं उड़ेगा तो आसमान कबूतरों का नहीं हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका परिवार हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि मानता रहा है, कुर्सी और सत्ता को नहीं।
अमित आजाद ने अपने परदादा और अन्य क्रांतिकारियों से जुड़े कई अज्ञात संस्मरण सुनाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे अंग्रेजों द्वारा 20 बेंत मारने की सजा सुनाए जाने के बाद 16 साल की उम्र में चंद्रशेखर ने अपना नाम आजाद रखा। उन्होंने कहा कि जब चंद्रशेखर आजाद ने स्वयं को गोली मारकर अंग्रेजों के हाथों से मरना स्वीकार नहीं किया, तब उनके पार्थिव शरीर के दूसरे हाथ में भारत माता की मिट्टी मिली थी, जिसे उन्होंने अंतिम समय तक माथे से लगाए रखा। उन्होंने कारगिल और जैसलमेर जैसी जगहों पर तैनात सैनिकों की शौर्य गाथा भी सुनाई।
कार्यक्रम में उपस्थित जैनाचार्य विश्व रत्न सागर म.सा. ने कहा कि राष्ट्र ही सबसे बड़ा धर्म है और भारत भूमि की गरिमा तथा गौरव को बनाए रखना हम सबका कर्तव्य है। इस अवसर पर विधायक गोलू शुक्ला, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता दीपक जैन, समाजसेवी किशोर गोयल और हरी अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि और समाजबंधु भी उपस्थित थे, जिन्होंने अमित आजाद का सम्मान किया। इस दौरान बीएसएफ के अनेक जवानों और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त पूर्व सैनिकों का भी बहुमान किया गया।