इंदौर । पर्यूषण महापर्व के चौथे दिन, रेसकोर्स रोड श्रीसंघ में भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला। पूरे वातावरण में एक अनोखा आनंद और उत्साह महसूस हो रहा था, क्योंकि यहाँ भगवान महावीर के जन्म वाचन का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। चंद्रयश विजय म.सा. ने अपने प्रवचन में कहा कि जिस प्रकार नवकार मंत्र सभी मंत्रों का राजा है, उसी तरह पर्यूषण महापर्व के इस विशेष दिन का महत्व भी सर्वोपरि है, क्योंकि इसी दिन प्रभु महावीर का जन्म वाचन होता है। यह सुनने के लिए हर श्रद्धालु आतुर था।
धर्म सभा में जन्म वाचन से पहले ही माहौल भक्तिमय हो गया। महिलाएँ मंगल गीत गा रही थीं और पुरुष गुरु भगवंत के आगमन की विनती कर रहे थे। गुरुदेव के पधारते ही भक्तों का उत्साह चरम पर पहुँच गया।
:: माता त्रिशला के 14 स्वप्नों का वर्णन ::
महाराज सा ने माता त्रिशला द्वारा देखे गए 14 स्वप्नों का वर्णन किया, जिनमें हाथी, वृषभ, केसरी और लक्ष्मी जैसे शुभ प्रतीक शामिल थे। भक्तों ने इन स्वप्नों को ध्यान से सुना और अपनी श्रद्धा के अनुसार बोलियां भी लगाईं।
जैसे ही गुरुदेव ने भगवान महावीर के जन्म का वाचन किया, पूरा पंडाल त्रिशानंदन लाल की जय के जयकारों से गूँज उठा। श्वेतांबर जैन समाज के सदस्यों ने एक-दूसरे को खोपरे की चटक खिलाकर बधाई दी और इस आनंद के उत्सव में लीन हो गए। इस कार्यक्रम में श्रीसंघ के ट्रस्टी डॉ. प्रकाश बागनी, विपिन सोनी, यशवंत जैन सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।