आवारा कुत्तों की समस्या पर पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के नेतृत्व में RWA के प्रतिनिधिमंडल ने की केंद्रीय पशुपालन मंत्री राजीव रंजन सिंह से मुलाकात

नई दिल्ली । आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक और कुत्तों द्वारा लोगों को काटने की घटनाओं को लेकर आज पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के नेतृत्व में विभिन्न रेज़िडेंट वेलफेयर असोसिएशनों (RWA) का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय पशुपालन मंत्री राजीव रंजन सिंह से मिला।
बैठक में श्री गोयल ने कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या पूरे देश में गंभीर रूप ले चुकी है और सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णयों के बाद वर्तमान एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) रूल्स अप्रासंगिक हो गए हैं, अतः इन्हें तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि वे स्वयं मानते हैं कि वर्तमान एबीसी रूल्स व्यावहारिक नहीं हैं और इन पर एक सप्ताह के भीतर संशोधन अथवा निरस्तीकरण पर विचार किया जाएगा। उन्होंने यह भी माना कि ये नियम राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण करते हैं जबकि आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान राज्यों के स्तर पर होना चाहिए।
गोयल द्वारा उठाए गए प्रमुख बिंदु :

  1. पशु प्रेमी संगठनों का दबदबा – एबीसी रूल्स तथाकथित पशु-प्रेमी संगठनों को अनुचित महत्व देते हैं, जिसके चलते सोसाइटीज़ में लगातार विवाद और झगड़े बढ़ रहे हैं।
  2. आवारा कुत्तों को खिलाने का वैधीकरण – इन नियमों के तहत RWAs को बाध्य किया जाता है कि वे आवारा कुत्तों को खिलाने की व्यवस्था करें, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर खाना खिलाने पर रोक लगाई है।
  3. खतरनाक कुत्तों की वापसी – एबीसी रूल्स काटने वाले या आक्रामक कुत्तों को भी नसबंदी के बाद उसी स्थान पर छोड़ने की अनुमति देते हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें स्थायी रूप से बाड़ों में भेजने का आदेश दिया है।
  4. एनिमल वेलफेयर बोर्ड की भूमिका – आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों की है। जबकि तथाकथित पशु-प्रेमी संगठनों के दबाव में आकर एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने बिना वजह स्वयं तथा केंद्र सरकार को इसमें संलिप्त कर लिया है।
    गोयल ने कहा कि कुत्ता खिलाऊ गैंग के लोग लोगों को उकसा रहे हैं कि वे कहीं भी कुत्तों को खाना खिलाएँ और यदि समाज में इसका विरोध हो तो RWA सदस्यों पर भी एफआईआर दर्ज कराएँ। इससे समाज में जानबूझकर विवाद पैदा हो रहे हैं।
    प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि सरकार तुरंत कार्रवाई करे और सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू होने तक एबीसी रूल्स को पूरी तरह समाप्त किया जाए या तत्काल स्थगित किया जाए।