स्वच्छता का सिरमौर इंदौर अब देश के अन्य शहरों को दिखाएगा राह

:: शहरी क्षेत्रों में कचरे से कंचन बनाने की दिशा में होंगे ठोस प्रयास : मंत्री विजयवर्गीय
भोपाल/इंदौर । लगातार आठ वर्षों से देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीत रहे इंदौर को अब स्वच्छता के मामले में अन्य शहरों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में देखा जा रहा है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता में मध्यप्रदेश ने जो नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, उसमें इंदौर की भूमिका सबसे अहम रही है। उन्होंने कहा कि इसी सफलता को आधार बनाकर अब प्रदेश के शहरों में कचरे से कंचन बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे। यह बात उन्होंने केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कही।
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय स्वच्छता लीग में शामिल किए गए श्रेष्ठ शहरों में इंदौर, उज्जैन और बुदनी शामिल हैं, जिन्हें बेहतर प्रदर्शन के लिए एक-एक शहर गोद लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह पहल इंदौर द्वारा स्थापित मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने का एक प्रयास है।
इस दौरान स्वच्छता ही सेवा अभियान-2025 का भी शुभारंभ हुआ, जिसका उद्देश्य सफाई मित्रों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना और हरियाली को बढ़ावा देना है। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन और नागरिकों के व्यवहार में परिवर्तन लाने जैसे विषयों पर जोर दिया जाएगा, जो इंदौर की सफलता के प्रमुख स्तंभ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही के स्वच्छता ही सेवा-2024 अभियान में इंदौर सहित प्रदेश के कई शहरों में छात्रों और आम जनता ने मिलकर जन-जागृति पैदा की थी, जो इस पहल की निरंतरता को दर्शाता है।
स्वच्छता के कार्यों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले सफाई मित्रों को सम्मानित किया गया है। बैठक में नई दिल्ली से अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे शामिल हुए। भोपाल से वर्चुअली बैठक में मंत्री विजयवर्गीय, आयुक्त नगरीय प्रशासन संकेत भोंडवे और अपर आयुक्त डॉ. परिक्षित संजयराव झाड़े एवं विभागीय अधिकारी शामिल हुए।